भंडारे या लंगर का प्रसाद खाना या नहीं? धार्मिक स्थलों पर आयोजित भंडारे ने निर्धनों को सहारा देते हैं, लेकिन सक्षम व्यक्ति के लिए सेवा या....
Read More »Budh
सेठ जी का लालच
इस कहानी में एक गरीब ब्राह्मण की कहानी है जो अपनी कन्या का विवाह करने के लिए भगवान् राम के मंदिर में कथा कहने का निर्णय लेता है।............
Read More »वट वृक्ष की धार्मिक विशेषताएं
हिंदू धर्म में वट वृक्ष को एक पवित्र और पूजनीय पेड़ माना जाता है, जिसे शक्ति, दीर्घायु, और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस पेड़ में....
Read More »दुष्ट लोग इतने सुखी
कथा लंबी हैं किंतु ज्ञान के चक्षु खुल जाएंगे आपके।पापी मौज में, पुण्यात्मा कष्ट में. ये कैसा न्याय! ईश्वर हैं भी या नहीं! स्कन्द पुराण की....
Read More »बुद्धिमान वही जिसमें ये 12 गुण हों | बुद्धिमान व्यक्ति के 12 लक्षण
जीवन बदलने वाले 12 नियमों के लिए बुद्ध कथा: बुद्धिमान व्यक्ति वह है जो सही समय पर सही निर्णय लेता है, सही काम करता है और सही समय पर सही बात कहता है। बुद्धि स्कूल या कॉलेज में नहीं मिलती, वहां ज्ञान मिलता है, लेकिन ज्ञान को व्यवहारिकता में लाना ही बुद्धिमत्ता कहलाती है। जो व्यक्ति जीवन में कठिन से …
Read More »तप अनुमोदन
तप के मार्ग का अनुसरण करने वाले हठ मनोबली शूरवीर होते है । तप से मन का कायाकल्प होता है । तपस्या की महिमा अपरंपार है, जो हमें मुक्ति के द्वार लेकर जाती है
Read More »मन पर नियंत्रण पर बौद्ध कहानी
मन पर नियंत्रण पर बौद्ध कहानी मन में उठ रहे सवालों को कैसे शांत करें, बेचैनी को कैसे शांत करें। इस कहानी में मैं आपको चार ऐसी आदतों के बारे में बताने वाला हूं जिसे आप अपने जीवन में अपनाकर एक अच्छी जिंदगी जी सकते हैं और अच्छे कामों में अपना जीवन व्यतीत कर सकते हैं। अगर आप इस कहानी …
Read More »मौन पर बुद्ध कहानी
आश्रम के सभी बच्चे जब दूसरे कामों में लगे होते थे तो एक बच्चा एक कोने में बैठा चुपचाप अपने आप में खोया रहता था। वो अक्सर किसी से ज्यादा बात नहीं करता था। आश्रम की सभी जिम्मेदारियां पूरी करने के बाद जहाँ सभी बच्चे पूरे दिन की घटनाओं की चर्चा करने लगते हैं, वही पर वो शांत रहने वाला …
Read More »ज्यादा अच्छे मत बनो, नहीं तो हमेशा दुखी रहोगे
मानव स्वभाव पर बुद्ध कहानी आचार्य चाणक्य ने कहा था कि इंसान को ज्यादा सीधा भी नहीं होना चाहिए, क्योंकि अगर हम जंगल में जाकर देखे तो, जान पाएंगे की सीधे पेड काट दिए जाते हैं जबकि टेढे मेढे पेड छोड दिए जाते हैं। तो आज की हमारी ब्लॉग पोस्ट भी इसी बारे में है कि ज्यादा अच्छा बना बुरा …
Read More »दादा पोता की कहानी
क्या हुआ दद्दू आज प्रात: भ्रमण के लिए नहीं गए।गोलू की मासूमियत भरे प्रश्न से दादाजी की आंखे डबडबा गई।अपने नन्हे पोते की बात सुनकर उनकी आंखो से आंसू छलक आए।अरे तू है ना पोता,मेरा छड़ी। कहकर गले से लगा लिया। अरे! ये क्या आपकी छड़ी तो टूट गई है दद्दू। कोई नहीं मैं बाबूजी से कहूंगा वो नई छड़ी …
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