Breaking News

Guru_Profile

सही कहते हैं कि सत्य बोलने वाले के पास हिम्मत होती है

मन की शक्ति से बड़ी कोई शक्ति नहीं

स्वामी विवेकानंद एक दिन कक्षा में मित्रों को कहानी सुना रहे थे। सभी इतने खोए हुए थे कि उन्हें पता ही नहीं चला कि कब मास्टरजी कक्षा में आए और पढ़ाना शुरू कर दिया। मास्टरजी को कुछ आवाज सुनाई दी। कौन बात कर रहा है? सभी ने स्वामी जी और उनके साथ बैठे छात्रों की तरफ इशारा कर दिया। मास्टरजी …

Read More »

तो स्वामी विवेकानंद इनके पुत्र बनने को थे तैयार

Swami Vivekananda

एक विदेशी महिला स्वामी विवेकानंद के समीप आकर बोली मैं आपसे शादी करना चाहती हूं। विवेकानंद बोले क्यों?मुझसे क्यों ? क्या आप जानती नहीं कि मैं एक सन्यासी हूं?औरत बोली मैं आपके जैसा ही गौरवशाली, सुशील और तेजोमयी पुत्र चाहती हूं और वो वह तब ही संभव होगा। जब आप मुझसे विवाह करेंगे। विवेकानंद बोले हमारी शादी तो संभव नहीं …

Read More »

शंकर की आधी प्रतिमा पुरुष की है और आधी स्त्री की – अर्धनारीश्वर

शंकर की आधी प्रतिमा पुरुष की है और आधी स्त्री की – अर्धनारीश्वर – यह तो अनूठी घटना है। लेकिन जो जीवन के परम रहस्य में जाना चाहते है, उन्हें शिव के इस रूप को समझना पड़ेगा। अर्धनारीश्वर का अर्थ यह हुआ कि आपका ही आधा व्यक्तित्व आपकी पत्नी और आपका ही आधा व्यक्तित्व आपका पति हो जाता है। आपकी …

Read More »

हतोत्साहित मन होता है पराजय की पहली सीढ़ी

हतोत्साहित मन होता है पराजय की पहली सीढ़ी

महाभारत का युद्ध चल रहा था। एक ओर अर्जुन थे, जिनके सारथी थे ‘श्री कृष्ण’। तो दूसरी ओर कर्ण थे और उनका सारथी ‘शल्य’। भगवान श्री कृष्ण ने कर्ण के सारथी से कहा- ‘तुम हमारे विरुद्ध जरूर लड़ना पर मेरी एक बात जरूर मानना।’ जब कर्ण प्रहार करे तब कहना कि, ‘यह भी कोई प्रहार होता है, तुम प्रहार करना …

Read More »

मैं अपना चित्र बनवाऊँगा

kanhiya-ka-chitr

एक बार कन्हैया को जिद्द चढ़ गई कि मैं अपना चित्र बनवाऊँगा ये बात कान्हा ने मईया ते कही, मईया मै अपना चित्र बनवाऊँगो, मईया बोली चित्र बनवाय के का करेगो, कन्हैया बोले, मोय कछू ना पतो मैं तो बनवाऊँगो, मईया कन्हैया को एक औरत के पास ले गई जिसका नाम था चित्रा, वो ऐसा चित्र बनाती थी कि कोई …

Read More »

महाभारत युद्ध में तीर भी बोलते थे यह है प्रमाण

died karan

                                                   KARAN AND ARJUN OF MAHABHARAT द्वापरयुग में महाभारत युद्ध के समय की बात है, कौरवों और पांडवों में युद्ध चल रहा था। कर्ण, अर्जुन को मारने की शपथ ले चुके थे। कर्ण लगातार बाणों की …

Read More »

कलियुग का लक्ष्मण

2brother-story

” भैया, परसों नये मकान पे हवन है। छुट्टी (इतवार) का दिन है। आप सभी को आना है, मैं गाड़ी भेज दूँगा।” छोटे भाई लक्ष्मण ने बड़े भाई भरत से मोबाईल पर बात करते हुए कहा। ” क्या छोटे, किराये के किसी दूसरे मकान में शिफ्ट हो रहे हो ?” ” नहीं भैया, ये अपना मकान है, किराये का नहीं …

Read More »

बोधकथा अंतरयात्रा शिविर ओशो

एक गांव में एक गरीब किसान शहर से जाकर एक बकरी का बच्चा खरीद लाया। वह बकरी के बच्चे को लेकर अपने गाव की तरफ चला और शहर के दो चार बदमाश लोगों ने सोचा कि किसी भांति यह बकरी का बच्चा छीन लिया जाए तो अच्छा आज का भोजन का और एक उत्सव का आनंद आ जाएगा। कुछ मित्रों …

Read More »

शिव और नारायण के वर्चस्ववाद

parshuram

‘परशु’ प्रतीक है पराक्रम का, ‘राम’ पर्याय है सत्य सनातन का। इस प्रकार परशुराम का अर्थ हुआ पराक्रम के कारक और सत्य के धारक। नारायण के छठे अवतार भगवान परशुराम को कभी सही परिप्रेक्ष्य में समझा ही नहीं गया।  नारायण ने एक साथ दो अवतार क्यों लिए??  ऐसा हिंस्र अवतार!!  नारायण को मनुष्य रूप में लेने की क्या अवश्यकता पड़ी? परशुराम …

Read More »

Meera bai Krishna prame

mira bai

मीराबाई कृष्णप्रेम में डूबी, पद गा रही थी , एक संगीतज्ञ को लगा कि वह सही राग में नहीं गा रही है! वह टोकते हुये बोले: “मीरा, तुम राग में नहीं गा रही हो। मीरा ने बहुत सुन्दर उत्तर दिया: “मैं राग में नहीं, अनुराग में गा रही हूँ। राग में गाउंगी तो दुनियां मुझे सुनेगी अनुराग में गाउंगी तो …

Read More »