राम भी आकर यहाँ दुःख सह गये तुलसी अपनी रामायण में कह गये राम मर्यादा सिखाने आये थे धर्म के पथ पर चलाने आये थे राम भी आकर यहाँ दुःख सह गये प्रेम हो तोह भारत जैसे भाई का राज चरणों में रहा रघुराई का जुलम केकई के भारत भी सह गये उर्मिला साक्षात् सती की शान है जिसकी आरती …
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जब जानकी नाथ सहाय करे
जब जानकी नाथ सहाय करे, तब कौन बिगाड़ करे नर तेरो सूरज, मंगल, सोम, भृगुसुत बुध और गुरु वरदायक तेरो राहु केतु की नाही गम्यता संग शनिचर हॉट उचरे जब जानकी नाथ सहाय करे, तब कौन बिगाड़ करे नर तेरो jab jaanakee naath sahaay kare, tab kaun bigaad kare nar tero sooraj, mangal, som, bhrgusut budh aur guru varadaayak …
Read More »मेरे राम मेरे घर आएंगे आएंगे प्रभु आएंगे
मेरे राम मेरे घर आएंगे, आएंगे प्रभु आएंगे प्रभु के दर्शन की आस है, और भीलनी को विशवास है मेरे राम मेरे घर आएंगे… अंगना रस्ता रोज बुहार रही, खड़ी खड़ी वो राह निहार रही मन में लगन, भीलनी मगन, भीलनी को भारी चाव है और मन में प्रेम का भाव है मेरे राम मेरे घर आएंगे… ना जानू सेवा …
Read More »जानकी जानकी मैं ना दूँ जानकी
रावण मंदोदरी से कहता है:- जानकी जानकी मैं ना दूँ जानकी, मैंने बाज़ी लगाई है जान की। मुझको परवा नहीं अपनी जान की, मैं चुरा लाया मैं राम की जानकी। तेरा बीटा जला, मेरी लंका जली, अब ना वापिस करूँगा मैं जानकी॥ मेरे महलो की रानी बने जानकी, तेरे पास बिठाऊंगा मैं जानकी। मेरे मन में बसी उस दिन जानकी, …
Read More »हम राम जी के राम जी हमारे हैं
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं वो तो दशरथ राज दुलारे हैं मेरे नयनो के तारे हैं सारे जग के रखवारे हैं मेरे तो प्राण अधारे हैं सब भगतन के रखवारे हैं जो लाखो पापीओं को तारे हैं जो अघमन को उधारे हैं हम इनके सदा सहारे हैं हम उनकी शरण पधारे हैं गणिका और गीध उधारे …
Read More »राम को देख कर के जनक नंदिनी
राम को देख कर के जनक नंदिनी, बाग़ में वो खड़ी की खड़ी रह गयी । राम देखे सिया को सिया राम को, चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी ॥ यज्ञ रक्षा में जा कर के मुनिवर के संग, ले धनुष दानवो को लगे काटने । एक ही बाण में ताड़का राक्षसी, गिर जमी पर पड़ी की पड़ी रह …
Read More »श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने मैं
नहीं चलाओ बाण व्यंग के ऐह विभीषण ताना ना सेह पाऊं, क्यों तोड़ी है यह माला, तुझे ए लंकापति बतलाऊं मुझ में भी है तुझ में भी है, सब में है समझाऊं ऐ लंका पति विभीषण ले देख मैं तुझ को आज दिखाऊं – जय श्री राम – श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में, देख लो मेरे मन …
Read More »राम भक्त ले चला रे राम की निशानी
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि सादर भारत शीश धरी लीन्ही राम भक्त ले चला रे राम की निशानी, शीश पर खड़ाऊँ, अँखिओं में पानी । शीश खड़ाऊ ले चला ऐसे, राम सिया जी संग हो जैसे । अब इनकी छाव में रहेगी राजधानी, राम भक्त ले चला रे राम की निशानी ॥ पल छीन लागे सदिओं जैसे, चौदह वरष कटेंगे …
Read More »आन मिलो मोहे राम
आन मिलो मोहे राम, राम मेरे । मन व्याकुल है, तन बेसुध है, अँखिओं में आ गए प्राण ॥ तुम तो दुःख में छोड़ गए हो, तोड़ के हमसे नाता, मेरे लिए रघुवीर तुम्ही हो पिता बंधू और माता । तुम ही नहीं तो मेरा जीवन आएगा किस काम ॥ आन मिलो मोहे राम, राम मेरे… जिस पथ से तुम …
Read More »दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया । राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥ द्वारे पे उसके जाके कोई भी पुकारता, परम कृपा दे अपनी भव से उभारता । ऐसे दीनानाथ पे बलिहारी सारी दुनिया, दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ॥ दो दिन का जीवन प्राणी कर ले विचार तू, प्यारे प्रभु को अपने मन में निहार तू । …
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