निम्नलिखित बातें माता के गर्भ में ही निश्चित हो जाती है…. १. व्यक्ति कितने साल जियेगा २. वह किस प्रकार का काम करेगा ३. उसके पास कितनी संपत्ति होगी ४. उसकी मृत्यु कब होगी . पुत्र , मित्र, सगे सम्बन्धी साधुओं को देखकर दूर भागते है, लेकिन जो लोग साधुओं का अनुशरण करते है उनमे भक्ति जागृत होती है और …
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चाणक्य नीति: तीसरा अध्याय (Chanakya Niti: Third Chapter)
1. इस दुनिया मे ऐसा किसका घर है जिस पर कोई कलंक नहीं, वह कौन है जो रोग और दुख से मुक्त है.सदा सुख किसको रहता है? २. मनुष्य के कुल की ख्याति उसके आचरण से होती है, मनुष्य के बोल चल से उसके देश की ख्याति बढ़ती है, मान सम्मान उसके प्रेम को बढ़ता है, एवं उसके शारीर का गठन उसे भोजन …
Read More »चाणक्य नीति : द्वितीय अध्याय (Chanakya Niti: Chapter two)
1. झूठ बोलना, कठोरता, छल करना, बेवकूफी करना, लालच, अपवित्रता और निर्दयता ये औरतो के कुछ नैसर्गिक दुर्गुण है। 2.भोजन के योग्य पदार्थ और भोजन करने की क्षमता, सुन्दर स्त्री और उसे भोगने के लिए काम शक्ति, पर्याप्त धनराशी तथा दान देने की भावना – ऐसे संयोगों का होना सामान्य तप का फल नहीं है। ३. उस व्यक्ति ने धरती पर ही …
Read More »चाणक्य नीति : प्रथम अध्याय (Chanakya Niti: The First Chapter)
१. तीनो लोको के स्वामी सर्वशक्तिमान भगवान विष्णु को नमन करते हुए मै एक राज्य के लिए नीति शास्त्र के सिद्धांतों को कहता हूँ. मै यह सूत्र अनेक शास्त्रों का आधार ले कर कह रहा हूँ। 2. जो व्यक्ति शास्त्रों के सूत्रों का अभ्यास करके ज्ञान ग्रहण करेगा उसे अत्यंत वैभवशाली कर्तव्य के सिद्धांत ज्ञात होगे। उसे इस बात का …
Read More »श्री राम चालीसा (Shri Ram Chalisa)
श्री राम चालीसा (Shri Ram Chalisa in Hindi) श्री रघुवीर भक्त हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥ निशिदिन ध्यान धरै जो कोई। ता सम भक्त और नहिं होई॥1॥ ध्यान धरे शिवजी मन माहीं। ब्रह्म इन्द्र पार नहिं पाहीं॥ दूत तुम्हार वीर हनुमाना। जासु प्रभाव तिहूं पुर जाना॥2॥ तब भुज दण्ड प्रचण्ड कृपाला। रावण मारि सुरन प्रतिपाला॥ तुम अनाथ के नाथ …
Read More »भगवान् का स्वभाव है कि जो उनको जैसे भजता है, वे भी उसको वैसे ही भजते हैं
शबरी भगवान् की परम भक्त थी । पहले वह ‘शबर’ जाति की एक भोली-भाली लड़की थी । शबर-जाति के लोग कुरूप होते थे । परन्तु शबरी इतनी कुरूप थी कि शबर-जाति के लोग भी उसको स्वीकार नहीं करते थे ! माँ-बाप को बड़ी चिन्ता होने लगी कि लड़की का विवाह कहाँ करें ! ढूँढ़ते-ढूँढ़ते आखिर उनको शबर-जाति का लड़का मिल …
Read More »बजरंगबली मेरी नाव चली करुना कर पार लगा देना
बजरंगबली मेरी नाव चली, करुना कर पार लगा देना | हे महावीरा हर लो पीरा, सत्माराग मोहे दिखा देना || दुखों के बादल गिर आयें, लहरों मे हम डूबे जाएँ | हनुमत लाला, तू ही रखवाला, दीनो को आज बचा लेना || सुख देवनहारा नाम तेरा, पग पग पर सहारा नाम तेरा | भव भयहारी, हे हितकारी, कष्टों से आज …
Read More »हे हनुमान बहू बलवान भक्ति ज्ञान वराग्य की खान
हे हनुमान बहू बलवान, भक्ति ज्ञान वराग्य की खान |संकट मोचन तू कहलाये | राम बिना तुझे कुछ ना भाये | तेरा द्वार जो भी खटकाये, बिन कुछ पाए घर नहीं जाए || दुर्बल को बलवान बनाये | हर संकट पल मे टल जाए | तेरा गान करे जो कोई, उसे ना कोई विपदा होई || हर मुश्किल आसन तू …
Read More »मन की आखों से मै देखूँ रूप सदा सियाराम का
दोहा : किस काम के यह हीरे मोती, जिस मे ना दिखे मेरे राम | राम नहीं तो मेरे लिए है व्यर्थ स्वर्ग का धाम || मन की आखों से मै देखूँ रूप सदा सियाराम का | कभी ना सूना ना रहता आसन मेरे मन के धाम का || राम चरण की धुल मिले तो तर जाये संसारी | दो …
Read More »आरती कीजे हनुमान लला की
आरती कीजे हनुमान लला की | दुष्ट दलन रघुनाथ कला की || जाके बल से गिरिवर कांपे | रोग दोष जाके निकट ना जांके || अनजनी पुत्र महा बलदाई | संतन के प्रभु सदा सही || दे बीरा रघुनाथ पठाए | लंका जारि सिया सुधि काये || लंका सो कोटि समुद्र की खायी | जात पवन सुत बार ना लायी …
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