कैसी शोभी बानी आज मेरे यार की, भानु की दुलारी, नन्द के कुमार की । कोई तुलना नहीं है मेरी सरकार की ॥ अति मतवारे नयन मेरे युगल के, करुणा की धारा या सों छल छल छलके । मैं वारि वरि जाऊं कजरे के धार की, कोई तुलना नहीं है मेरी सरकार की ॥ लाड़ली की साडी लाल, काछनी है …
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श्याम बांसुरी बजाये
गजब की बांसुरी बजती है वृन्दावन बसैया की, करूँ तारीफ़ मुरली की या मुरली धर कन्हैया की । जहां न काम चलता तीर और कमानो से, विजय नटवर की होती है वहां मुरली की तानो से ॥ श्याम बांसुरी बजाये री अधर धर के, रूप माधुरी पिलाए यह तो भर भर के । बांसुरी बज के छीने मन का आराम …
Read More »श्याम संग राधा नाचे रे
गोकुल में देखो, वृंदावन में देखो, मुरली बाजे रे श्याम संग राधा नाचे रे चन्द्र किरण सा श्याम सलोना, दोई आँखे कजरारी ठुमक ठुमक नाचे, गोपियन के संग, जग का पालन हारी सार बिहारी संग राधा सुकुमारी, ब्रिज में विराजे रे, श्याम संग राधा नाचे रे… छम छम नाचे राधे रानी सुन कर मीठी मुरलिया श्याम छवि पर सब बलिहारी …
Read More »मोहे तो प्यारी लागे बरसाने की गलियां
मोहे तो प्यारी लागे बरसाने की गलियां जग सो न्यारी हैं यह बरसाने की गलियां रसिको की प्राण हैं यह, जीवन आधार हैं यह राधे जु की किरपा का, श्यामा जु की किरपा का द्वार हैं यह गलियां मोहे तो प्यारी लागे… बरसाने जो भी आवे, चरणों में प्रीत पावे राधे जु की पायल की, श्यामा जु की पायल जी …
Read More »मोहे तो प्यारी लागे बरसाने की गलियां
मोहे तो प्यारी लागे बरसाने की गलियां जग सो न्यारी हैं यह बरसाने की गलियां रसिको की प्राण हैं यह, जीवन आधार हैं यह राधे जु की किरपा का, श्यामा जु की किरपा का द्वार हैं यह गलियां मोहे तो प्यारी लागे… बरसाने जो भी आवे, चरणों में प्रीत पावे राधे जु की पायल की, श्यामा जु की पायल जी …
Read More »जीवन है तेरे हवाले मुरलिया वाले
जीवन है तेरे हवाले, मुरलिया वाले प्यारे मुरलिया वाले, बांके मुरलिया वाले जीवन है तेरे हवाले… हम तो कठपुतली तेरे हाथ की तेरे हाथ की, तेरे हाथ की, चाहे तू जैसे नचाले, मुरलिया वाले जीवन है तेरे हवाले… हम तो हैं मुरली तेरे हाथ की तेरे हाथ की, तेरे हाथ की, चाहे तू जैसे बजाले, मुरलिया वाले जीवन है तेरे …
Read More »कैकेयी का अनुताप
“यह सच है तो अब लौट चलो तुम घर को |” चौंके सब सुनकर अटल कैकेयी स्वर को | सबने रानी की ओर अचानक देखा, बैधव्य-तुषारावृता यथा विधु-लेखा | बैठी थी अचल तथापि असंख्यतरंगा , वह सिंही अब थी हहा ! गौमुखी गंगा — “हाँ, जनकर भी मैंने न भारत को जाना , सब सुन लें,तुमने स्वयं अभी …
Read More »ओ मईया तैने का ठानी मन में
ओ मईया तैने का ठानी मन में, राम-सिया भेज दइ री वन में -२ हाय री तैने का ठानी मन में, राम-सिया भेज दइ री वन में -२ यधपि भरत तेरो ही जायो, तेरी करनी देख लज्जायो, अपनों पद तैने आप गँवायो भरत की नजरन में, राम-सिया भेज दइ री वन में , हठीली तैने का ठानी मन में, राम-सिया …
Read More »तेरा झूठा मोह जगत में (Yours false attachment with world)
तेरा झूठा मोह जगत में तोते से बोली मैना गैरों से मतलब क्या है अपनों से बच के रहना श्री राम हुए वनवासी अपनो से धोखा खाया वो मोसी भी अपनी थी जिसने वनवास दिलाया सब आनी जानी माया सुख है तो दुःख भी सहना गैरो से मतलब क्या है अपनों से बचके रहना श्री कृष्ण हुये अवतारी जाने जन्म …
Read More »मंगल मूरति मारुतनंदन जय हनुमान
मनोजवम मारुत तुल्य वेगम, जितेंद्रियम बुद्धिमतां वरिष्ठं वातात्मजं वानारायूथ मुख्यम, श्रीराम दूतं शरणम प्रपद्धे || मंगल मूरति, मारुतनंदन, भक्तविभूषण जय हनुमान सकल अमंगल, मूल निकंदन, संकट मोचन जय हनुमान || (जय हनुमान – जय हनुमान ) – २ (जय हनुमान -जय हनुमान, जय हनुमान -जय हनुमान) – २ पवन तनय संतन हितकारी, ह्रदय बिराजत अवधविहारी राम लखन सीता श्री …
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