माता सीता का हरण होने के बाद, भगवान राम को लंका तक पहुंचने के लिए उनकी वानर सेना जंगल को लंका से जोड़ने के लिए समुद्र के ऊपर पुल बनाने के काम में लग जाती है। पुल बनाने के लिए पत्थर पर भगवान श्रीराम का नाम लिखकर पूरी सेना समुद्र में पत्थर डालती है। भगवान राम का नाम लिखे जाने …
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रामायण की कहानी: हनुमान जी का जन्म!!
रामभक्त हनुमान को कई नामों से जाना जाता है, जैसे मारुति नंदन, पवनपुत्र व संकटमोचन आदि। माना जाता है कि वह भगवान शिव के 11वें रूद्र अवतार थे और उनके जन्म का उल्लेख कई पौराणिक कथाओं में मिलता है। इस कहानी में हम हनुमान जी के जन्म से जुड़ी ऐसी ही एक प्रचलित कथा बता रहे हैं। हनुमान जी के …
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अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियों और उनसे होने वाले चार पुत्रों राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के बारे में सभी जानते हैं, लेकिन भगवान राम की बड़ी बहन के बारे में हर किसी को नहीं पता। वाल्मीकि रामायण में भी राम की बहन शांता के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन दक्षिण पुराण में भगवान राम की बहन …
Read More »नमो नमो विष्णु हरी जी
नमो नमो विष्णु हरी जी जग के पालनहार है,सुंदर रूप मनोहर सूरत भगतन के प्रतिपाल है| माथे मूकटा स्वर्ण का है रूप चतुर भुज आप का,शंख चकर पदम् के धारी गल वैजयन्ती माल है,नमो नमो विष्णु हरी जी… तुमने धुरव प्रहलाद उभारे पापी तुम सब मार दिए,जब जब धरा संकट में आई आप धरे अवतार है,नमो नमो विष्णु हरी जी…… …
Read More »सजा दो घर को गुलशन सा, मेरे सरकार आये हैं,
सजा दो घर को गुलशन सा, मेरे सरकार आये हैं,मेरे सरकार आये है, लगे कुटियाँ भी दुल्हन सी,लगे कुटिया भी दुल्हन सी, मेरे सरकार आये हैं,सजा दो घर को गुलषन सा, मेरे सरकार आये हैं,पखारों इनकें चरणों को, बहा कर प्रेम की गंगा,बहा कर प्रेम की गंगा, बिछा दो अपनी पलकों को,मेरे सरकार आये है, सजा दो घर को गुलशन …
Read More »हनुमान चालीसा का सत्य -FACT OF HANUMAN CHALISA-तुलसीदास जी को हनुमान चालीसा जेल में क्यों लिखनी पड़ी
आज हम बात करेंगे हनुमान चालीसा के बारे में, हनुमान चालीसा कब लिखी गयी इसके पीछे का रहस्य क्या है। और इससे चालीसा क्यों कहा कहा जाता है। इसको हम कैसे पढ़ें की हमें इसका पूरा – पूरा फल मिले। यह साड़ी बातें हम आज की इस वीडियो में करने वाले हैं। जानना चाहते हैं तो वीडियो को अंत तक …
Read More »जटायु और भीष्म पितामह
जब रावण ने जटायु के दोनों पंख काट डाले… तो काल आया और जैसे ही काल आया … तो गीधराज जटायु ने मौत को ललकार कहा, — “खबरदार ! ऐ मृत्यु ! आगे बढ़ने की कोशिश मत करना… मैं मृत्यु को स्वीकार तो करूँगा… लेकिन तू मुझे तब तक नहीं छू सकता… जब तक मैं सीता जी की सुधि प्रभु …
Read More »सच्चे भक्त जीवन के हर क्षण को भगवान का आशीर्वाद मानकर उसे स्वीकार करते हैं
एक बार भगवान राम और लक्ष्मण एक सरोवर में स्नान के लिए उतरे। उतरते समय उन्होंने अपने-अपने धनुष बाहर तट पर गाड़ दिए जब वे स्नान करके बाहर निकले तो लक्ष्मण ने देखा की उनकी धनुष की नोक पर रक्त लगा हुआ था! उन्होंने भगवान राम से कहा -” भ्राता ! लगता है कि अनजाने में कोई हिंसा हो गई ।” …
Read More »उदेश्यों की पवित्रता से मिलती है महानता
कान्यकुब्ज देश के राजा कौशिक एक दिन अपने दल-बल समेत आखेट के लिए वन की ओर गए। लौटते समय वशिष्ठ ऋषि के आश्रम में कौशिक का ठहरना हुआ। राजा और उनकी विशाल सेना की वशिष्ठ ने भरपूर आवभगत की। कौशिक को आश्चर्य हुआ कि इस घने जंगल में एक त्यागी- तपस्वी ऋषि के पास इतने साधन कहां से आए। पूछने …
Read More »भगवान विष्णु के अवतार:- (Incarnations of Lord Vishnu)
श्रीहरि के जय-विजय नाम के दो द्वारपाल थे। वे सनकादि ब्रह्मर्षियों के शाप से घोर निशाचर कुल में पैदा हुए। उनके नाम रावण और कुम्भकर्ण थे। उनके अत्याचारों से पृथ्वी कांप उठी। वह पाप के भार को सह न सकी। अन्त में वह ब्रह्मादि देवताओं के साथ भगवान की शरण में गयी। देवताओं की प्रार्थना से परब्रह्म परमात्मा ने अयोध्या …
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