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Gyan Ganga

मनमोहन तुम रूठ गए तो कौन मेरा जग में

मनमोहन तुम रूठ गए तो कौन मेरा जग मेंकान्हा कौन मेरा ज आग मेंसाथ रहे हो अब ना रहा तो कौन मेरा जग मेंकान्हा कौन मेरा ज आग में…… ज़िंदगीका कारवाँ रुकता नहीं हैदिल है श्याम तुम बिन धड़कता नहीं हैचलने से पहले मैं गिर गया तो कौन मेरा जग मेंकान्हा कौन मेरा ज आग में….. तुम्हे क्या नहीं खबर …

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जब याद कान्हा तेरी आई

aao kanhaiya aao muraaree- krishn bhajan

जब याद कान्हा तेरी आईमोरे नैन नीर भर आयेमैं रोया तुझे याद करके कान्हामैं रोया तुझे याद करके……….. याद आता है तेरा माखन चुरानावो गोपियों को पनघट बुलानाकैसे सही कान्हा तेरी जुदाईमोरे नैन नीर भर आयेमैं रोया तुझे याद करके कान्हामैं रोया तुझे याद करके……….. मेरे साजन मेरे माहीकाहे सताए आजा कन्हाईकाहे जग में है मुझे बिसराईमोरे नैन नीर भर …

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हर समय अरदास करूँ मैं

हर समय अरदास करूँ मैंचरणों में श्याम तेरेतूने दिया है नया सवेराकर दिए दूर अँधेरेतेरी दया से ओ श्याम बाबामैं हूँ बड़ा खुशहालमेरे सांवरियारखना मेरा ख़यालमेरे सांवरियारखना यूँ ही ख़याल| तूने ही मुझको बाबाहिम्मत सदा बंधाईजब जब डूबी नैया मेरीतुमने पार लगाईंबदल ना पाया जो कोई बाबातुमने बदले हालमेरे सांवरियारखना मेरा ख़यालमेरे सांवरियारखना यूँ ही ख़याल। सोचा ना था ऐसा …

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सत्कर्म करते रहो

सत्कर्म करते रहो

विधि का नियम है कि मानव को जन्म से लेकर मृत्युपर्यंत कुछ-न- कुछ कर्म करते रहना पड़ता है। इसलिए धर्मशास्त्रों में कहा गया है कि मनुष्य को हर क्षण सत्कर्म में ही व्यतीत करना चाहिए। सत्कर्म करते रहने में ही जीवन की सार्थकता है। आदि शंकराचार्य कहते हैं, जो पुरुषार्थहीन है, वह वास्तव में जीते-जी मरा हुआ है। गीता में …

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आचरण के बिना व्यर्थ

दार्शनिक राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन स्वयं शिक्षक रहे थे। वह कहा करते थे, वही शिक्षा सार्थक कही जाएगी, जो सदाचारी व संस्कारी बनने की प्रेरणा देती है। संस्कारहीन शिक्षा प्राप्त व्यक्ति को यह विवेक नहीं रहता कि क्या करने में कल्याण है। इसलिए शिक्षा के साथ-साथ आचरण की शुचिता पर आवश्य ध्यान देना चाहिए। रावण ने सोने की लंका बनाई। …

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सच्चे सुख की तलाश

अधिकांश लोग भौतिक सुविधाओं को सुख का साधन मानते हैं, इसलिए ‘सुख-सुविधा’ शब्द का प्रायः एक साथ उपयोग किया जाता है। सुख पाने के लिए मानव अत्याधुनिक भौतिक साधनों की खोज में लगा रहता है। किंतु देखने में आता है कि असीमित सुविधाओं से संपन्न व्यक्ति भी कहता है, ‘मुझे आत्मिक सुख-शांति नहीं मिल पा रही है।’ सुख-शांति की खोज …

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कमली वाले की महफ़िल सजी है

उनकी रेहमत का झूमर सजा हैकमली वाले की महफ़िल सजी है| तेरे दर से ना जाऊँगा खालीबाते यही पे आके रुकी हैकमली वाले की महफ़िल सजी है| तुझे अपना समज के मैं आयाआके देखो तो दुनिया पड़ी हैउनकी रहमत का झूमर लगा हैहो दीवानों की महफ़िल सजी हैकमली वाले की महफ़िल सजी है| नही चाहिए ये दुनिया के उजालेतेरी सूरत …

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जिन्हें देखने को जिए जा रहे हैं

जिन्हें देखने को जिए जा रहे हैंवो पर्दे पे पर्दा किए जा रहे हैं,निकल आओ पर्दे से बाँके बिहारी,हमें तेरा पर्दा गवारा नही है| बताओ यों पर्दों में कब तक छिपोगे,तुम्हें मुख से पर्दा हटाना पड़ेगा,मुबारक रहे तुमको मेरी मोहब्बत,तुम्हे सामने मेरे आना पड़ेगा| तुम मेरे पास बैठो तसल्ली न हो,वक्त मेरा भी अच्छा गुजर जायेगा,ये क्या कम है कन्हैया …

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साँवरे तूने नहीं झुकने दिया

माँगू मैं क्या, क्या नहीं तुमने दिया,साँवरे तूने नहीं, झुकने दिया…. जब से मेरे सर तुम्हारा हाथ है,ठोकरों में भी नहीं गिरने दिया,मुझको तूने ना कहीं, झुकने दिया,माँगू मैं क्या, क्या नहीं तुमने दिया,साँवरे तूने नहीं, झुकने दिया…. आँधियों मैं हम भी मिट जाते मगर,साँवरे तुमने नहीं मिटने दिया,मुझको तूने ना कहीं, झुकने दिया,माँगू मैं क्या, क्या नहीं तुमने दिया,साँवरे …

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नंदकिशोरा चित्तचकोरा

कान्हा ओ कान्हा कान्हा रे कान्हा…… नंदकिशोरा, चित्तचकोरा गोकुळतारा, मनमोहन तूबावरी राधा मी ब्रिजबालाप्रेम रसाची ओढ जीवालाकृष्ण कन्हैया अशीलाविसी तू नंदकिशोरा, चित्तचकोरागोकुळतारा, मनमोहन तूकृष्णा कृष्णा, हरे कृष्णाराधे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा……. वृंदावनी गोप-गौळणी घेऊनिया धुंद रास खेळसीतू पानांतुनी वेलीतुनीबासुरीचे गोड छेडीसी तूयाच सुरांनी मोहुनीगेले पाहुनी तुजला मी तुझीझाले वेड मनाला असे लाविसीतू नंदकिशोरा, चित्तचकोरागोकुळतारा, मनमोहन तू राधा तुझी, मीरा तुझीहोईन मी …

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