श्रद्धालुजनों को संकटों से रक्षा करने वाला अनन्तसूत्र बंधन का त्यौहार अनंत चतुर्दशी हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। अनंत चतुर्दशी व्रत कथा भविष्य पुराण के अनुसार जुए में पांडव राजपाट हार कर जब जंगल में भटक रहे थे और कई प्रकार के कष्टों को झेल रहे थे तब भगवान श्री …
Read More »Gyan Ganga
रौशनी की किरण
रोहित आठवीं कक्षा का छात्र था। वह बहुत आज्ञाकारी था, और हमेशा औरों की मदद के लिए तैयार रहता था। वह शहर के एक साधारण मोहल्ले में रहता था , जहाँ बिजली के खम्भे तो लगे थे पर उनपे लगी लाइट सालों से खराब थी और बार-बार कंप्लेंट करने पर भी कोई उन्हें ठीक नहीं करता था। रोहित अक्सर सड़क पर …
Read More »चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan)
चंद्र ग्रहण वह स्थिति है जिसमें पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के बीच आ जाती है। इस स्थिति में चंद्रमा क पूरा या आधा भाग ढ़क जाता है। इसी को चंद्र ग्रहण कहा जाता है। चंद्र ग्रहण और हिन्दू धर्म (Chandra Grahan and Hinduism) हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण का धार्मिक दृष्टि से बहुत विशेष महत्त्व होता है। इसे हिन्दू धर्म …
Read More »इन्दिरा एकादशी व्रत (Indira Ekadashi)
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इन्दिरा एकादशी कहा जाता है। इस शुभ दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इन्दिरा एकादशी व्रत सभी प्रकार के कष्टों को दूर करता है। इन्दिरा एकादशी व्रत 2016 (Indira Ekadashi Vrat) साल 2016 में इन्दिरा एकादशी व्रत 26 सितंबर, दिन सोमवार को रखा जाएगा। पितृपक्ष की एकादशी होने …
Read More »पितृ पक्ष श्राद्ध
हिन्दू धर्म में मृत्यु के बाद श्राद्ध करना बेहद जरूरी माना जाता है। मान्यतानुसार अगर किसी मनुष्य का विधिपूर्वक श्राद्ध और तर्पण ना किया जाए तो उसे इस लोक से मुक्ति नहीं मिलती और वह भूत के रूप में इस संसार में ही रह जाता है। पितृ पक्ष का महत्त्व (Importance of Pitru Paksha) ब्रह्म वैवर्त पुराण के अनुसार देवताओं …
Read More »नवरात्र पूजा विधि (Navratri Puja Vidhi)
नवरात्र पूजा विधि (Navratra Puja Vidhi) नवरात्र के नौ दिन देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्र व्रत (Navratri Puja Vidhi) की शुरूआत प्रतिपदा तिथि को कलश स्थापना से की जाती है। नवरात्र के नौ दिन प्रात:, मध्याह्न और संध्या के समय भगवती दुर्गा की पूजा करनी चाहिए। श्रद्धानुसार अष्टमी या नवमी के दिन हवन और …
Read More »सरस्वती पूजा
प्रातः काल ही मां सरस्वती की पूजा कर लेनी चाहिए। पण्डित मुरली झा बताते हैं कि सरस्वती माता की पूजा करने वाले को सबसे पहले मां सरस्वती की प्रतिमा अथवा तस्वीर को सामने रखकर उनके सामने धूप-दीप और अगरबत्ती जलानी चाहिए। इसके बाद पूजन आरंभ करनी चाहिए। सबसे पहले अपने आपको तथा आसन को इस मंत्र से शुद्घ करें- “ऊं …
Read More »दुर्गा अष्टमी
मां शक्ति की दस महा विद्या का पूजन वर्ष के विभिन्न मासों में किया जाता है और यह दस महा विद्याओं का पूजन गुप्त साधना के रुप में भी जाना जाता है. धूमावती देवी के स्तोत्र पाठ व सामूहिक जप का अनुष्ठान होता है. काले वस्त्र में काले तिल बांधकर मां को भेंट करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण …
Read More »महानवमी
महानवमी हिन्दू धर्म में बहुत ही महत्त्वपूर्ण मानी जाती है। आश्विन माह में शुक्ल पक्ष की नवमी या कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की नवमी या फिर मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष की नवमी को ‘महानवमी’ कहा जाता है। नौ दिनों तक चलने वाले ‘नवरात्र’ में नवमी की तिथि ‘महानवमी’ कहलाती है। इस दिन देवी दुर्गा के नौवें स्वरूप माँ सिद्धिदात्री की पूजाविशेष रूप से की जाती है। यह दुर्गापूजा उत्सव ही है।[1] महानवमी के दिन भक्तजन …
Read More »विजय दशमी
विजयादशमी / दशहरा आश्विन शुक्ल दशमी को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह भारत का ‘राष्ट्रीय त्योहार’ है। रामलीला में जगह–जगह रावण वध का प्रदर्शन होता है। क्षत्रियों के यहाँ शस्त्र की पूजा होती है। ब्रजके मन्दिरों में इस दिन विशेष दर्शन होते हैं। इस दिन नीलकंठ का दर्शन बहुत शुभ माना जाता है। यह त्योहार क्षत्रियों का माना जाता है। इसमें अपराजिता देवी की पूजा होती है। यह पूजन भी सर्वसुख देने …
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