एक राजा ने अपने राज्य के सभी ब्राह्मण सभी साधु महात्माओं को भोजन के लिए बुलाया। वह राजा बहुत धर्मात्मा था। लेकिन जहाँ पर भोजन बन रहा था वहाँ आसमान में एक चील गुजर रहा था। उस चील के पंजे में एक सर्प था जो उसके पंजो से छूटकर उस बनते हुए भोजन में आकर गिरा। जिसके कारन वह भोजन …
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महाराज जुधिष्ठिर और भीम
यह कहानी है महाभारत की समय की। महारज जुधिष्ठिर बहुत बड़े धर्मात्मा थे। जो भी उनके पास कुछ मांगने आता था वह उसकी इच्छा जरूर पूरी करते थे। एक दिन एक ब्राह्मण उनकी बेटी के शादी के लिए उनसे कुछ आर्थिक सहायता लेने आया। उनसे धन मांगने के लिए आया। जुधिष्ठिर महाराज उस दिन बहुत व्यस्त थे। उन्होंने ब्राह्मण से …
Read More »पैसे की लालच
एक बहुत अमीर व्यक्ति था। उसने अपना सारा जीवन पैसे कमाने में लगा दिया। उसके पास इतना पैसा था की वह जो चाहे खरीद सकता था। लेकिन उसने अपने पुरे जीवन में किसी की भी मदद नहीं की। इतना अपर धन होने के बाद भी उसने अपने लिए भी कभी धन का उपयोग नहीं किया। न कभी अपने पसंद के …
Read More »अतुलनीय संदेश..
अतुलनीय संदेश.. एक आदमी, जो हमेशा अपने दोस्तों के साथ घुल मिल कर रहता था और उनके साथ बैठकें करता था, अचानक बिना किसी को बताए सबसे मिलना जुलना बंद कर दिया। कुछ सप्ताह पश्चात् एक बहुत ही ठंडी रात में उस ग्रुप के नेता ने उससे मिलने का फैसला किया। वह नेता उस आदमी के घर गया और पाया …
Read More »भक्ति भाव
एक मजदूर नया-नया दिल्ली आया , पत्नी को किराए के मकान में छोडकर काम की तलाश में निकला ! एक जगह मंदिर में सेवा चल रही थी ,कुछ लड़कों को काम करते देख उनसे पूछा ~ क्या मैं यहाँ काम कर सकता हूँ ? लड़कों ने ~ ‘हाँ’ … कहा ! मजदूर ने पूछा ~ तुम्हारे मालिक कहाँ हैं ? …
Read More »भगवान_शिव के “35” रहस्य!
भगवान शिव अर्थात पार्वती के पति शंकर जिन्हें महादेव, भोलेनाथ, आदिनाथ आदि कहा जाता है।* 1. आदिनाथ शिव : -* सर्वप्रथम शिव ने ही धरती पर जीवन के प्रचार-प्रसार का प्रयास किया इसलिए उन्हें ‘आदिदेव’ भी कहा जाता है। ‘आदि’ का अर्थ प्रारंभ। आदिनाथ होने के कारण उनका एक नाम ‘आदिश’ भी है।* 2. शिव के अस्त्र-शस्त्र : -* शिव …
Read More »जटायु और भीष्म पितामह
जब रावण ने जटायु के दोनों पंख काट डाले… तो काल आया और जैसे ही काल आया … तो गीधराज जटायु ने मौत को ललकार कहा, — “खबरदार ! ऐ मृत्यु ! आगे बढ़ने की कोशिश मत करना… मैं मृत्यु को स्वीकार तो करूँगा… लेकिन तू मुझे तब तक नहीं छू सकता… जब तक मैं सीता जी की सुधि प्रभु …
Read More »POWER OF POSITIVE THOUGHT
एक व्यक्ति काफी दिनों से परेशान था। जिसके कारण वह काफी चिड़चिड़ा हो गया था और तनाव में रहने लगा था। वह इस बात से काफी परेशान था कि घर के सारे खर्चे उसे ही उठाने पड़ते हैं, पूरे परिवार की जिम्मेदारी सिर्फ उसी के ऊपर है और किसी ना किसी रिश्तेदार का उसके यहाँ आना जाना लगा ही रहता …
Read More »आज हिन्दी दिवस* के अवसर पर हिंदी का थोडा़ आनंद लीजिये …. मुस्कुराइए …
हिंदी के मुहावरे, बड़े ही बावरे है, खाने पीने की चीजों से भरे है… कहीं पर फल है तो कहीं आटा-दालें है, कहीं पर मिठाई है, कहीं पर मसाले है , चलो, फलों से ही शुरू कर लेते है, एक एक कर सबके मजे लेते है… आम के आम और गुठलियों के भी दाम मिलते हैं, कभी अंगूर खट्टे हैं, …
Read More »सिर्फ ‘राम राम’ कह देने से ही पूरी माला का जाप हो जाता है
क्या कभी सोचा है कि बहुत से लोग जब एक दूसरे से मिलते हैं तो आपस में एक दूसरे को दो बार ही “राम राम” क्यों बोलते हैं ? एक बार या तीन बार क्यों नही बोलते ? दो बार “राम राम” बोलने के पीछे बड़ा गूढ़ रहस्य है क्योंकि यह आदि काल से ही चला आ रहा है.हिन्दी की …
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