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विवाह किसे कहते है?

क्या नाचने गाने को विवाह कहते हैं, क्या दारू पीकर हुल्लड़ मचाने को विवाह कहते हैं, क्या रिश्तेदारों और दोस्तों को इकट्ठा करके दारु की पार्टी को विवाह कहते हैं ? डी जे बजाने को विवाह कहते हैं, नाचते हुए लोगों पर पैसा लुटाने को विवाह कहते हैं, घर में सात आठ दिन धूम मची रहे उसको विवाह कहते हैं? …

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“नर्मदा नदी के हर पत्थर में है शिव, आखिर क्यों ?”

नर्मदेश्वर शिवलिंग के सम्बन्ध में एक धार्मिक कथा है –भारतवर्ष में गंगा, यमुना, नर्मदा और सरस्वती ये चार नदियां सर्वश्रेष्ठ हैं। इनमें भी इस भूमण्डल पर गंगा की समता करने वाली कोई नदी नहीं है। प्राचीनकाल में नर्मदा नदी ने बहुत वर्षों तक तपस्या करके ब्रह्माजी को प्रसन्न किया। प्रसन्न होकर ब्रह्माजी ने वर मांगने को कहा। तब नर्मदाजी ने …

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समुद्र के किनारे जब एक तेज़ लहर आयी तो एक बच्चे का चप्पल ही अपने साथ बहा ले गयी..

बच्चा रेत पर अंगुली से लिखता है… “समुद्र चोर है” उसी समुद्र के दूसरे किनारे पर एक मछुवारा बहुत सारी मछलियाँ पकड़ लेता है…. वह उसी रेत पर लिखता है…”समुद्र मेरा पालनहार है” एक युवक समुद्र में डूब कर मर जाता है…. उसकी मां रेत पर लिखती है… “समुद्र हत्यारा है” एक दूसरे किनारे एक गरीब बूढ़ा टेढ़ी कमर लिए …

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मुंशी प्रेमचंद की कहानी : पूस की रात!!

हल्कू ने घर आकर अपनी पत्नी मुन्नी से कहा, “घर में जो रुपए रखे हैं उसे ले आओ, सहना आया है, उसे दे देता हूं, ताकि उससे पीछा छूटे।” बरामदे में झाड़ू लगा रही मुन्नी ने पलटकर गुस्से से हल्कू को देखा और बोली, “चार रुपए ही तो बचे हैं घर में, अब वो भी सहना को दे दोगे, तो …

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छोटे चूहे और बड़े हाथी

एक बार किसी समय पर एक गाँव भूकम्प से पूरी तरह तबाह हो गया था। गाँव के सारे मकान नष्ट हो गये थे और गाँव खण्डहर में बदल गया था। इस प्रकार सभी गांव-वासी गाँव से पलायन करने को मजबूर हो गये और वह रहने के लिए अन्यत्र किसी स्थान को खोजने लगे। खाली गाँव चूहों का आवास बन गया। …

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गुरुवार को करें गुड़ के ये उपाय, हमेशा भरी रहेगी झोली

आज के दौर में हर व्यक्ति अपने और अपने परिवार के लिए एक सुखी जीवन चाहता है। इसके लिए वह हर तरह की कोशिशें करता है। लेकिन हर तरह की कोशिशों के बावजूद, कई बार परिस्थितियों और धन की कमी के कारण, सुखी जीवन जीना मुश्किल हो जाता है। माना जाता है कि गुरुवार के दिन बृहस्पति देव की पूजा …

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” मैं हैरान हूँ “

” मैं हैरान हूं यह सोचकर ,किसी औरत ने क्यों नहीं उठाई उंगली ?तुलसी दास पर ,जिसने कहा ,“ढोल ,गंवार ,शूद्र, पशु, नारी,ये सब ताड़न के अधिकारी।” मैं हैरान हूं ,किसी औरत नेक्यों नहीं जलाई “मनुस्मृति”जिसने पहनाई उन्हेंगुलामी की बेड़ियां ? मैं हैरान हूं ,किसी औरत ने क्यों नहीं धिक्कारा ?उस “राम” कोजिसने गर्भवती पत्नी सीता को ,परीक्षा के बाद …

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डरपोक पत्थर

बहुत पहले की बात है एक शिल्पकार मूर्ति बनाने के लिए जंगल में पत्थर ढूंढने गया। वहाँ उसको एक बहुत ही अच्छा पत्थर मिल गया। जिसको देखकर वह बहुत खुश हुआ और कहा यह मूर्ति बनाने के लिए बहुत ही सही है। जब वह आ रहा था तो उसको एक और पत्थर मिला उसने उस पत्थर को भी अपने साथ …

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खुनी झील

एक बार की बात है एक जंगल में एक झील थी। जो खुनी झील के नाम से प्रसिद्ध थी। शाम के बाद कोई भी उस झील में पानी पिने के लिए जाता तो वापस नहीं आता था। एक दिन चुन्नू हिरण उस जंगल में रहने के लिए आया। उसकी मुलाकात जंगल में जग्गू बन्दर से हुई। जग्गू बन्दर ने चुन्नू …

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हमारा भी एक जमाना था

bachpan-ki-yadien

खुद ही स्कूल जाना पड़ता था। क्योंकि साइकिल बस आदि से भेजने की रीत नहीं थी, स्कूल भेजने के बाद कुछ अच्छा बुरा होगा ऐसा हमारे मां-बाप कभी सोचते भी नहीं थे, उनको किसी बात का डर भी नहीं होता था, 🤪 पास/नापास यही हमको मालूम था… परीक्षा में % से हमारा कभी भी संबंध ही नहीं था…😛 ट्यूशन लगाई …

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