एक समय आया जब तौसीफ अली ने स्वीकार कर लिया कि शायद ये खेती किसानी ही उनका मुकद्दर है, प्रोफेशनल क्रिकेट के लिए देर हो चुकी है
Read More »Story Katha
सिय राम मय सब जग जानी
Chaupai, Tulsidas ji went towards his home to take rest. While going on the way, he found a boy and said: Hey Mahatma ji,
Read More »संघर्ष तो जीवन का हिस्सा है
संघर्षों से ही भरी कहानी है भारतीय क्रिकेटर संजू सैमसन की; जो बिना हार माने मेहनत करते गए और आज अंतर्राष्ट्रीय भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा हैं।
Read More »झांसी की रानी लक्ष्मीबाई
बुंदेला वीर महाराजा मर्दन सिंह जूदेव व बाबू वीर कुंवर सिंह जैसे अनेक स्वतंत्रता सेनानी भारत देश की स्वतंत्रता के लिए अंग्रेजो के विरूद्ध विगूल फूंक ,अंग्रेजो के नाक में दम कर रखा था !!
Read More »कहां राजा भोज- कहां गंगू तेली
बचपन से लेकर आज तक हजारों बार इस कहावत को सुना था कि "कहां राजा भोज- कहां गंगू तेली"। आमतौर पर यह ही पढ़ाया और बताया जाता था कि इस कहावत का अर्थ अमीर और गरीब के बीच तुलना करने के लिए है
Read More »सच्चा उस्ताद
। नौ दस साल का छोकरा, बच्चा ही समझो। उसे बाया हाथ नहीं था, किसी बैल से लड़ाई में टूट गया था। तुझे क्या चाहिए मुझसे? गुरु ने उस बच्चे से पूछा।
Read More »जॉनी वाकर
गुरु दत्त ने तुरंत कहा, ‘तो कहो ना’। जॉनी वाकर ने कहा कि एम सादिक एक फिल्म बनाना चाहता है, लेकिन उसकी हालत कुछ ठीक नहीं है। हम सबको मिलकर उसका साथ देना होगा। तुम भी इस फिल्म में काम कर लो, लेकिन सुनो थोड़ा कोआपरेट करना होगा।
Read More »प्राकृतिक प्रकोप
जिसे उसने अपनी पत्नी के गहने बेचकर और कुछ कर्ज लेकर खरीदा था । जहां आज शाम ही उसने लहलहाती गेंहू की बालियों को देखा था। नजर लगने के डर से जी भर के देख भी ना पाया था। सही तो है किसान का खेत उसकी फसल उसके बच्चे की तरह होती है।
Read More »पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय– 12
नारदजी बोले:- जब भगवान् शंकर चले गये तब हे प्रभो! उस बाला ने शोककर क्या किया! सो मुझ विनीत को धर्मसिद्धि के लिए कहिये ॥ इसी प्रकार राजा युधिष्ठिर ने भगवान् कृष्ण से पूछा था सो भगवान् ने राजा के प्रति जो कहा सो हम तुमसे कहते हैं सुनो ॥ २ ॥ श्रीकृष्ण बोले:- हे राजन! इस प्रकार जब शिवजी …
Read More »पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय– 10
दुर्वासा ऋषि बोले,:- हे सुन्दरि! गुप्त से भी गुप्त उपाय मैं तुझसे कहता हूँ। यह विषय किसी से भी कहने योग्य नहीं है, तथापि तेरे लिये तो मैंने ये विचार ही लिया है। मैं विस्तार पूर्वक न कहकर तुझसे संक्षेप में कहता हूँ। हे सुभगे! इस मास से तीसरा मास जो आवेगा वह पुरुषोत्तम मास है। इस मास में तीर्थ …
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