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Gyan Shastra

प्रतिभा की पहचान!!

यूनान के थ्रेस शहर में एक गरीब लड़का था। जो लकड़ियां बेच कर अपना पेट पालता था। वह प्रतिदिन जंगल से लकड़ियां काट कर लाता। उनका गठ्ठर बनाता, फिर उन्हें बाजार लेकर जाता। वहां गठ्ठर बेचकर जो भी मिलता उससे वह अपना पेट पालता। लड़के की खूबी यह थी कि वह जो भी काम करता बहुत लगन और एकाग्रता से …

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खुशियां बांटो, खुश रहो!!

एक नगर में एक सेठ रहता था। वह बहुत कंजूस था। धन के प्रति उसका मोह इतना अधिक था कि वह एक पैसा भी खर्च नहीं करना चाहता था। प्रचुर मात्रा में धन होते हुए भी वह निर्धनों की तरह जीवन व्यतीत करता था।  उसका परिवार भी उसकी कंजूसी की आदत से दुखी रहता था। घर में सब कुछ होते …

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गरीबों की मदद

पुराने समय की बात है। यूनान के किसी गांव में तीन भाई रहते थे। तीनों बहुत महत्वाकांक्षी थे। गांव में आय के साधन सीमित थे। उनके पास थोड़ी सी खेती थी। जिससे वे अपना जीवन यापन करते थे। किंतु तीनों भाई वैभवशाली और समृद्ध जीवन जीना चाहते थे। इसलिए उन्होंने एथेंस शहर जाकर कुछ बड़ा काम करने का निश्चय किया। …

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इच्छाओं का बंधन!!

एक बार एक सूफी संत अपने शिष्यों के साथ बाजार से जा रहे थे। उन्होंने देखा कि एक व्यक्ति एक गाय की रस्सी पकड़े चला जा रहा है। उन्होंने उसको रोक लिया और अपने शिष्यों से पूछा कि बताओ कौन किसके साथ बंधा है? शिष्यों ने तुरंत उत्तर दिया कि गाय बंधी है इस आदमी के साथ। यह जहां चाहे …

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बुद्धू मोहनदास (गांधीजी)

मोहनदास की उम्र उस समय तेरह वर्ष थी। वे राजकोट के अल्फ्रेड हाई स्कूल में पहले साल के छात्र थे। एक दिन शिक्षा विभाग के इंस्पेक्टर स्कूल में निरीक्षण के लिए आये। उन्होंने छात्रों को अंग्रेजी में पांच शब्द लिखने को दिए। उनमें से एक शब्द था ‘केटल’। जिसकी स्पेलिंग मोहनदास ने गलत लिखी थी। अध्यापक ने देखा तो उन्होंने …

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सबसे बड़ा मूर्ख!!

एक बहुत धनी व्यापारी था। उसने बहुत धन संपत्ति इकट्ठा कर रखी थी। उसका एक नौकर था संभु। जो अपने वेतन का एक बड़ा हिस्सा गरीबों की मदद में खर्च कर देता था। व्यापारी रोज उसे धन बचाने की शिक्षा देता। लेकिन संभु पर कोई असर नहीं होता था। इससे तंग आकर एक दिन व्यापारी ने संभु को एक डंडा …

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भगवान का दोस्त!!

जून की दोपहर थी।आसमान ही नहीं जमीन भी तप रही थी। ऐसे में 8-10 साल का एक लड़का नंगे पांव फूल बेच रहा था। पैरों की जलन उसके चेहरे पर दिख रही थी। वहां से गुजर रहे एक सज्जन को बालक पर दया आ गयी। वे पास की जूतों की दुकान पर गए और वहां से एक जोड़ी जूते ले …

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सुधार की गुंजाइश

एक मूर्तिकार था। उसने अपने बेटे को भी मूर्तिकला सिखाई। दोनों बाप-बेटे मूर्तियां बनाते और बाजार में बेंचने ले जाते। बाप की मूर्तियां तो डेढ़-दो रुपये में बिकती। लेकिन लड़के की मूर्तियां केवल आठ-दस आने में ही बिक पातीं। घर आकर बाप लड़के को मूर्तियों में कमी बताता और उन्हें ठीक करने को कहता। लड़का भी समझदार था। वह मन …

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संघर्ष का फल !!

लंदन में एक लड़का रहता था। वह बहुत गरीब था। इसलिए पेट पालने के लिए उसे निरन्तर काम करना पड़ता था। उसे पढ़ने लिखने का बहुत शौक था। लेकिन काम के बोझ के कारण वह लगातार स्कूल नहीं जा पाता था। जिसके कारण उसकी पढ़ाई रुक रुक के चलती थी। लंदन के एक निम्न बस्ती में एक छोटे से कमरे …

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सहनशीलता

सर आइजेक न्यूटन बहुत प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे। सभी उनके बारे में जानते हैं। उनके पास एक पालतू कुत्ता था। जिसका नाम था डायमंड। वे उसे बहुत प्यार करते थे। वह हमेशा उनके साथ रहता था। यहां तक कि अत्यंत महत्वपूर्ण रिसर्च कार्य करते समय भी वह उसी कमरे में रहता था। एक बार न्यूटन किसी महत्वपूर्ण खोज से संबंधित तथ्यों …

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