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पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय– 12

पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय– 12

नारदजी बोले:- जब भगवान् शंकर चले गये तब हे प्रभो! उस बाला ने शोककर क्या किया! सो मुझ विनीत को धर्मसिद्धि के लिए कहिये ॥  इसी प्रकार राजा युधिष्ठिर ने भगवान् कृष्ण से पूछा था सो भगवान् ने राजा के प्रति जो कहा सो हम तुमसे कहते हैं सुनो ॥ २ ॥ श्रीकृष्ण बोले:- हे राजन! इस प्रकार जब शिवजी …

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पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय– 11

पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय– 11

नारदजी बोले:- सब मुनियों को भी जो दुष्कर कर्म है ऐसा बड़ा भारी तप जो इस कुमारी ने किया वह हे महामुने! हमसे सुनाइये ॥ श्रीनारायण बोले अनन्तर ऋषि-कन्या ने भगवान्‌ शिव, शान्त, पंचमुख, सनातन महादेव को चिन्तन करके परम दारुण तप आरम्भ किया ॥ सर्पों का आभूषण पहिने, देव, नन्दी-भृंगी आदि गणों से सेबित, चौबीस तत्त्वों और तीनों गुणों …

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पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय– 10

पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय– 10

दुर्वासा ऋषि बोले,:- हे सुन्दरि! गुप्त से भी गुप्त उपाय मैं तुझसे कहता हूँ। यह विषय किसी से भी कहने योग्य नहीं है, तथापि तेरे लिये तो मैंने ये विचार ही लिया है। मैं विस्तार पूर्वक न कहकर तुझसे संक्षेप में कहता हूँ। हे सुभगे! इस मास से तीसरा मास जो आवेगा वह पुरुषोत्तम मास है। इस मास में तीर्थ …

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पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय– 9

पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय– 9

श्रीनारायण बोले :- अपने पिता को स्मरण करते-करते और बराबर शोक करते-करते उस घर में कुछ काल उस कन्या का व्यतीत हुआ ॥ ३ ॥ सिंह से भागती हिरणी की तरह घबड़ाई हुई, सुने घर में रहनेवाली, दुःखरूप अग्नि से उठी हुई भाप द्वारा बहते हुए अश्रुनेत्र वाली, जलते हुए हृत्‍कमल वाली, दुःख से प्रतिक्षण गरम श्‍वास लेनेवाली, अतिदीना, घिरी हुई …

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मेहरबाई टाटा

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कहानी उस महिला की जिसने टाटा स्टील कंपनी को दी थी अलग पहचान। टाटा ग्रुप कंपनी से तो आज हम सब वाकिफ हैं। इस कंपनी ने देश के लिए कई दान-धर्म के काम किए हैं। एक वक्त ऐसा भी था,जब यह कंपनी डूबने के कगार पर थी। उस समय जो महिला सबसे आगे निकल कर आई थीं, वह महिला थीं …

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समूह की शक्ति

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नंदनवन के एक वृक्ष पर गौरैया का एक जोड़ा रहता था। उस वृक्ष पर अनेक पक्षी रहते थे। गौरैया ने अंडे दिए थे। गौरैया का जोड़ा बड़ी बेसब्री से उनमें से बच्चे निकलने का इन्तजार कर रहा था। उसी जंगल में एक दुष्ट हाथी रहता था। उसे अपनी ताकत का बड़ा घमंड था। यहां तक कि जंगल का राजा शेर …

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बल से अधिक बुद्धि का प्रयोग करना चाहिए

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एक जंगल के एक विशाल पेड़ पर एक कौवा अपनी पत्नी सहित रहता था। उस पेड़ पर हर प्रकार की सुख सुविधा थी। केवल एक ही कष्ट था कि उस पेड़ के एक खोखले भाग में एक भयंकर काला सर्प भी रहता था। जब कौवे की पत्नी अंडे देती तो वह उन्हें खा जाता था। इससे दोनों बहुत दुखी रहते …

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लालच का परिणाम

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एक मुर्गे और एक कुत्ते में बड़ी दोस्ती थी। दोनों साथ रहते, साथ ही खाते पीते और घूमते। एक दिन दोनों ने जंगल घूमने का कार्यक्रम बनाया। दोनों मित्र सुबह सुबह जंगल की सैर पर निकल पड़े। दोनों जंगल के सुंदर दृश्य देखकर प्रसन्न होते। नए नए जानवरों से बातें करते। भूख लगती तो जंगली फल फूल खाकर अपनी भूख …

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हर छोटे बड़े जीव का इस पृथ्वी पर अपना अलग महत्व है

कोमल, हरी भरी घास से भरा एक मैदान था। उन्हीं हरी घास के बीच में एक सूखा तिनका भी पड़ा था। घास ने तिनके को देखकर हंसते हुए कहा, “हरी भरी कोमल घास के बीच में तुम क्या कर रहे हो? “तुम तो सूखे और मुरझाए हुए हो। न तो तुम देखने में सुंदर हो, न ही किसी काम के …

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निंदा करना एक बहुत बड़ा दुर्गुण है

crow and owl

एक बार अपना राजा चुनने के लिए पक्षियों की सभा हुई। उसमें जंगल के सभी पक्षी एकत्र हुए। सबके आ जाने पर सबसे बुजुर्ग एक चील ने उठकर सभा में कहा, “इंसानों ने अपने बीच में से एक व्यक्ति को राजा चुन लिया है। जो उनकी भलाई के लिए सभी काम करता है।” “जंगल के जानवरों ने भी शेर को …

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