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Gyan Shastra

बिन मांगी सीख

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एक जंगल में एक विशाल बरगद का पेड़ था। जिसपर बया चिड़िया का एक बहुत ही सुंदर घोसला था। घोसले में चिड़िया के अंडे और कई बच्चे थे। घोसले की सुरक्षा में वे आनंदपूर्वक हर मौसम का आनन्द लेते थे। ठंडी के मौसम में एक दिन तेज़ बारिश हो रही थी। चिड़िया और उसके बच्चे घोसले में बैठे बारिश का …

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बच्चे अनुकरण से सीखते है

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अमन अपने माता-पिता के साथ चिड़ियाघर की सैर करने जाता है। अमन क्योंकि बच्चा है और वह अपनी मम्मी के गोदी में चलता है , इसलिए चिड़ियाघर में उसके लिए टिकट नहीं लगता। मम्मी – पापा ने अपना टिकट लिया और वह तीनों मिलकर चिड़ियाघर के अंदर चले। अमन ने चिड़ियाघर के अंदर देखा एक तालाब है उसमें ढेर सारे …

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ईमानदार वीर बालक

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रमेश बहुत ही प्यारा बालक था। वह कक्षा दूसरी में पढ़ता। रमेश विद्यालय में स्वतंत्रता दिवस का राष्ट्रीय त्यौहार मनाया जाने वाला था। रमेश  बहुत उत्साहित था इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए। रमेश को उसकी कक्षा अध्यापिका ने स्वतंत्रता दिवस की परेड में भाग लेने के लिए बोला था। उसके हर्ष का कोई ठिकाना नहीं था , वह खुशी-खुशी इस कार्यक्रम में …

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पश्चात्ताप का भाव !!

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मदन उड़ीसा के एक छोटे से गांव में पला-बढ़ा। पढ़ लिखकर वह एक अच्छी सी नौकरी करने लगा। नौकरी में लगातार हुए प्रमोशन से उसे खूब तरक्की और शोहरत की प्राप्ति हुई। वह अब शहर में रहने लगा , वहां मदन को ग्यारहवीं  मंजिल पर एक आलीशान फ्लैट कंपनी के द्वारा मिला। मदन अपनी पत्नी को एक बच्चे के साथ खूब ऐसो आराम से रहने लगा। कुछ …

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बच्चे और उनके दादाजी !!

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एक गाँव में दो चतुर बच्चे अपने माता-पिता के साथ रहते थे। एक दिन उनके दादाजी उनके साथ रहने के लिए आए। वह एक नाविक रह चुके थे। बच्चों को उनसे कहानियाँ सुनना अच्छा लगता था। वह उन्हें बताते, कैसे वह समुद्री डाकुओं से लड़े। धीरे-धीरे दादाजी कहानियाँ सुनाकर ऊब गए। वह अपने हमउम्र लोगों से बातें करना चाहते थे। …

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दुष्टों से दूरी भली!!

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एक बार एक दुष्ट बाघ के गले में हड्डी फंस गई। अब न तो वह ठीक से सांस ले पा रहा था। न ही बोल पा रहा था। बहुत प्रयास करने के बाद भी वह हड्डी नहीं निकाल पाया। वह इस तकलीफ से निजात पाने के लिए मदद ढूंढने लगा। वह सभी जानवरों के पास गया। सबसे गले में फंसी …

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गाँवी खुशियों का चॉकलेट: एक परिवर्तन की कहानी

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खाली पैसे बचाने के चक्कर में ढंग से खाता-पीता भी नहीं क्या!" "बारह घंटे की ड्यूटी है अम्मा, बैठकर थोड़े खाना है! ये लो, तुम्हारी मनपसंद मिठाई!"--कहकर उसने मिठाई का डिब्बा माँ को थमा दी!

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स्वस्थ शरीर से बढ़कर कोई पूंजी नहीं

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उसके पास पैसे की कोई कमी नहीं थी लेकिन वह बहुत ज़्यादा आलसी था। अपने सारे काम नौकरों से ही करता था और खुद सारे दिन सोता रहता या अययाशी करता था। वह धीरे धीरे बिल्कुल निकम्मा हो गया था| उसे ऐसा लगता जैसे मैं सबका स्वामी हूँ क्यूंकी मेरे पास बहुत धन है मैं तो कुछ भी खरीद सकता हूँ। यही सोचकर वह दिन रात सोता रहता था| लेकिन कहा जाता है की बुरी सोच का बुरा नतीज़ा होता है।

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मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा

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छोटा सा गाँव था,और छोटी सी दुकान थी उनकी। ईमानदारी से दुकान चलाते थे और इज्जत से रहते थे। तीन बेटे थे उनके, दुलीचंद,माखन और सेवा राम। गाँव में सिर्फ आठवीं तक का स्कूल था, आगे की पढ़ाई के लिए शहर जाना पड़ता था

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वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र

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विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र (ऋषि मुनियों द्वारा किया गया अनुसंधान सम्पूर्ण विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र यहीं है जो हमारे देश भारत में बना हुआ है । ये हमारा भारत जिस पर हमे गर्व होना चाहिये l

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