एक दिन बादशाह अकबर के दरबार मे एक किसान आया, उसका नाम सैफ अली था। अकबर उससे कहतें हैं:अकबर – बोलो कैसे आना हुआ?सैफ अली – जहाँ पनाह छह महीने पहले मेरी बीबी गुज़र गई, जिसके चलते मैं अपनी ज़िंदगी मे बिल्कुल अकेला हो गया हूँ। अभी छह महीने पहले बहुत खुशी से ज़िन्दगी काट रहा था, फिर अचानक मेरी …
Read More »Gyan Shastra
तीन रूपये: तीन सवाल – अकबर और बीरबल की कहानियाँ!!
एक दिन अकबर बादशाह के दरबारियों ने बादशाह से शिकायत की – ‘हुजूर! आप सब प्रकार के कार्य बीरबल को ही सौंप देते हैं, क्या हम कुछ भी नहीं कर सकते?’बादशाह ने कहा – ‘ठीक है….मैं अभी इसका फैसला कर देता हूं।’उन्होंने एक दरबारी को बुलाया और उससे कहा – ‘मैं तुम्हें तीन रूपये देता हूं। इनकी तीन चीजें लाओं। …
Read More »सवालों का सीधा-सीधा जवाब!!
एक दिन बीरबल बाग में टहलते हुए सुबह की ताजा हवा का आनंद ले रहा था कि अचानक एक आदमी उसके पास आकर बोला, ‘‘क्या तुम मुझे बता सकते हो कि बीरबल कहां मिलेगा ?’’‘‘बाग में।’’ बीरबल बोला।वह आदमी थोड़ा सकपकाया लेकिन फिर संभलकर बोला, ‘‘वह कहां रहता है ?’’ ‘‘अपने घर में।’’ बीरबल ने उत्तर दिया।हैरान-परेशान आदमी ने फिर …
Read More »मौत का भय !!
पद्म पुराण में कहा गया है, ‘जो जन्म लेता है, उसकी मृत्यु निश्चित है। इसलिए मृत्यु से भयभीत होने की जगह सत्कर्मों के माध्यम से मरण को शुभ बनाने के प्रयास करने चाहिए।’ जैन संत आचार्य तुलसी एक बोधकथा सुनाया करते थे एक मछुआरा समुद्र से मछलियाँ पकड़ता और उन्हें बेचकर अपनी जीविका चलाता था। एक दिन एक वणिक उसके …
Read More »गुरु का सम्मान !!
श्रीराम कथा की विशिष्ट काव्य शैली में रचना करनेवाले पंडित राधेश्याम कथावाचक संत-महात्माओं के सत्संग के लिए लालायित रहा करते थे। संत उड़िया बाबा, श्री हरिबाबा, आनंदमयी माँ तथा संत प्रभुदत्त ब्रह्मचारी के प्रति वे अनन्य श्रद्धा भाव रखते थे। प्रभुदत्त ब्रह्मचारीजी की प्रेरणा से उन्होंने महामना पंडित मदनमोहन मालवीय को अपना गुरु बनाया था। पंडित राधेश्यामजी मालवीयजी के श्रीमुख …
Read More »रेत से चीनी अलग-अलग – अकबर और बीरबल की कहानियाँ!!
बादशाह अकबर के दरबार की कार्यवाही चल रही थी, तभी एक दरबारी हाथ में शीशे का एक मर्तबान लिए वहां आया।‘‘क्या है इस मर्तबान में ?’’ पूछा बादशाह ने।वह बोला, ‘‘इसमें रेत और चीनी का मिश्रण है।’’ ‘‘वह किसलिए ?’’ फिर पूछा अकबर ने।‘‘माफी चाहता हूँ हुजूर,’’ दरबारी बोला, ‘‘हम बीरबल की काबलियत को परखना चाहते हैं। हम चाहते हैं …
Read More »बिना काटे ही छोटा करना – अकबर और बीरबल की कहानियाँ !!
एक दिन अकबर व बीरबल बाग में सैर कर रहे थे। बीरबल लतीफा सुना रहा था और अकबर उसका मजा ले रहे थे। तभी अकबर को नीचे घास पर पड़ा बांस का एक टुकड़ा दिखाई दिया। उन्हें बीरबल की परीक्षा लेने की सूझी।बीरबल को बांस का टुकड़ा दिखाते हुए वह बोले, ‘‘क्या तुम इस बांस के टुकड़े को बिना काटे …
Read More »तपस्विनी की स्वदेश निष्ठा !!
पेशवा नारायणराव की पुत्री सुनंदा ने अपनी बुआ रानी लक्ष्मीबाई की तरह अंग्रेजों की सत्ता को चुनौती देकर निर्भीकता का परिचय दिया। सुनंदा को अंग्रेजों ने त्रिचनापल्ली की जेल में बंद कर दिया । वहाँ से मुक होते ही वे एकांत में भक्ति-साधना करने नैमिषारण्य जा पहुँचीं। वहाँ वे परम विरक्त संत गौरीशंकरजी के संपर्क में आईं। संतजी सत्संग के …
Read More »मूर्ख कौवों की कहानी – जातक कथाएँ !!
वर्षों पहले एक समुद्र में एक नर और एक मादा कौवा मदमस्त हो कर जल-क्रीड़ा कर रहे थे। तभी समुद्र की एक लौटती लहर में कौवी बह गयी, जिसे समुद्र की किसी मछली ने निगल लिया। नर कौवे को इससे बहुत दु:ख हुआ। वह चिल्ला-चिल्ला कर विलाप करने लगा। पल भर में सैकड़ों कौवे भी वहाँ आ पहुँचे। जब अन्य कौवों …
Read More »कौवों और उल्लुओं की शत्रुता की कथा – जातक कथाएँ !!
कौवों और उल्लुओं की शत्रुता बड़ी पुरानी है। मगर कितनी पुरानी और क्यों है इसका विचार कम ही लोगों ने किया अथवा करना चाहा। बौद्ध परम्परा में उपर्युक्त दो शत्रुओं के वैमनस्य की एक कथा प्रचलित है। यहाँ वही कथा एक बार फिर सुनाई जा रही है। सम्बोधि प्राप्त करने के बाद बुद्ध जब श्रावस्ती स्थित जेतवन में विहार कर …
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