महाशिवरात्रि’ के विषय में भिन्न – भिन्न मत हैं, कुछ विद्वानों का मत है कि आज के ही दिन शिवजी और माता पार्वती विवाह-सूत्र में बंधे थे जबकि अन्य कुछ विद्वान् ऐसा मानते हैं कि आज के ही दिन शिवजी ने ‘कालकूट’ नाम का विष पिया था जो सागरमंथन के समय समुद्र से निकला था | ज्ञात है कि यह …
Read More »SHIV OMKARA
मौत की भी मौत
जो भगवान् के भक्त होते हैं , उनके स्वमी भी भगवान् ही होते हैं । उनपर मौत का अधिकार नहीं होता । अन्यथा चेष्टा करने से मौत की भी मौत हो जाती है । एक बार गोदावरी नदी के तट पर ‘श्वेत’ नाम के एक ब्राह्मण रहते थे । उनका सारा समय सदाशिव की पूजा में व्यतीत होता था । …
Read More »शिव जी का किरात वेष में प्रकट होना
इंद्र के उपदेश तथा व्यास जी की आज्ञा से अर्जुन भगवान महेश्वर की आराधना करने लगे । उनकी उपासना से ऐसा उत्कृष्ट तेज प्रकट हुआ, जिससे देवगण विस्मिल हो गये । वे शिव जी के पास गये और बोले – ‘प्रभो ! एक मनुष्य आपकी तपस्या में निरत है । वह जो कुछ चाहता है, उसे आप प्रदान करें ।’ …
Read More »शिओहां शिओहां शिवा स्वरूपांहं
शिवोऽहम शिवोऽहम सच्चिदानन्दोंऽहम शिवोहं शिवोहं शिव-स्वरूपोहं नित्योहं शुद्धोहं बुद्धोहं मुक्तोहं शिवोहं शिवोहं शिव-स्वरूपोहं अद्वैतं-आनंद रूपं अरूपं ब्रह्मोहं ब्रह्मोहं ब्रह्म-स्वरूपोहं चिदोहं चिदोहं सच्चिदानंदोहं शिवोहं शिवोहं शिव-स्वरूपोहं नित्योहं शुद्धोहं बुद्धोहं मुक्तोहं शिवोहं शिवोहं शिव-स्वरूपोहं [To English wish4me] shivohan shivohan shiv-svarupohan nityo mhan shuddhodhanan buddhido mukhtouddhan shivohan shivohan shiv-svarupohan advaitam-aanand roop aroopam brahmoh brahmoh brahm-svaroopam chidohan chidohan sachchidaanandohan shivohan shivohan shiv-svarupohan …
Read More »जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा । ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव ओंकारा एकानन चतुरानन पंचानन राजे । हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव ओंकारा दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे । त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव ओंकारा अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी । त्रिपुरारी कंसारी कर माला …
Read More »