एक बार एक राजा था। उसके पास सब कुछ था लेकिन वह सुखी नहीं था। वह समझ नहीं पाता था कि कैसे ख़ुश रहा जाए? उसे यह लगने लगा कि वह बीमार है जबकि वह बिलकुल स्वस्थ दिखता था। राजा के आदेश पर राज्य के एक से एक अच्छे डॉक्टरों को बुलाया गया लेकिन कोई भी उसका इलाज नहीं कर …
Read More »Story for Children]
जैसी दृष्टि
रामदास रामायण लिखते जाते और शिष्यों को सुनाते जाते थे। हनुमान भी उसे गुप्त रुप से सुनने के लिए आकर बैठते थे। समर्थ रामदास ने लिखा, “हनुमान अशोक वन में गये, वहाँ उन्होंने सफेद फूल देखे।” यह सुनते ही हनुमान झट से प्रकट हो गये और बोले, “मैंने सफेद फूल नहीं देखे थे। तुमने गलत लिखा है, उसे सुधार दो।” …
Read More »सड़क यहीं रहती है | शेखचिल्ली के कारनामें
क दिन शेखचिल्ली कुछ लड़कों के साथ, अपने कस्बे के बाहर एक पुलिया पर बैठा था। तभी एक सज्जन शहर से आए और लड़कों से पूछने लगे, “क्यों भाई, शेख साहब के घर को कौन-सी सड़क गई है ?” शेखचिल्ली के पिता को सब ‘शेख साहब’ कहते थे । उस गाँव में वैसे तो बहुत से शेख थे, परंतु ‘शेख …
Read More »लोभी दरजी
एक था दरजी, एक थी दरजिन। दोनों लोभी थे। उनके घर कोई मेहमान आता, तो उन्हें लगता कि कोई आफत आ गई। एक बार उनके घर दो मेहमान आए। दरजी के मन में फिक्र हो गई। उसने सोचा कि ऐसी कोई तरकीब चाहिए कि ये मेहमान यहाँ से चले जाएं। दरजी ने घर के अन्दर जाकर दरजिन से कहा, “सुनो, …
Read More »पारस
‘एक बहुत गरीब आदमी था । अचानक उसे कहीं से पारस-पत्थर मिल गया। बस फिर क्या था ! वह किसी भी लोहे की वस्तु को छूकर सोना बना देता। देखते ही देखते वह बहुत धनवान बन गया ।’ बूढ़ी दादी माँ अक्सर ‘पारस पत्थर’ वाली कहानी सुनाया करती थी । वह कब का बचपन की दहलीज लांघ कर जवानी में …
Read More »फ़क़ीर का उपदेश
एक बार गाँव में एक बूढ़ा फ़क़ीर आया । उसने गाँव के बाहर अपना आसन जमाया । वह बड़ा होशियार फ़क़ीर था । वह लोगों को बहुत सी अच्छी-अच्छी बातें बतलाता था । थोड़े ही दिनों में वह मशहूर हो गया । सभी लोग उसके पास कुछ न कुछ पूछने को पहुँचते थे । वह सबको अच्छी सीख देता था …
Read More »काबुलीवाला
मेरी पाँच बरस की लड़की मिनी से घड़ीभर भी बोले बिना नहीं रहा जाता। एक दिन वह सवेरे-सवेरे ही बोली, “बाबूजी, रामदयाल दरबान है न, वह ‘काक’ को ‘कौआ’ कहता है। वह कुछ जानता नहीं न, बाबूजी।” मेरे कुछ कहने से पहले ही उसने दूसरी बात छेड़ दी। “देखो, बाबूजी, भोला कहता है – आकाश में हाथी सूँड से पानी …
Read More »गिल्लू
सोनजुही में आज एक पीली कली लगी है। इसे देखकर अनायास ही उस छोटे जीव का स्मरण हो आया, जो इस लता की सघन हरीतिमा में छिपकर बैठता था और फिर मेरे निकट पहुँचते ही कंधे पर कूदकर मुझे चौंका देता था। तब मुझे कली की खोज रहती थी, पर आज उस लघुप्राण की खोज है। परंतु वह तो अब …
Read More »हींगवाला
लगभग 35 साल का एक खान आंगन में आकर रुक गया । हमेशा की तरह उसकी आवाज सुनाई दी – ”अम्मा… हींग लोगी?” पीठ पर बँधे हुए पीपे को खोलकर उसने, नीचे रख दिया और मौलसिरी के नीचे बने हुए चबूतरे पर बैठ गया । भीतर बरामदे से नौ – दस वर्ष के एक बालक ने बाहर निकलकर उत्तर दिया …
Read More »छोटा जादूगर
कार्निवल के मैदान में बिजली जगमगा रही थी। हँसी और विनोद का कलनाद गूंज रहा था। मैं खड़ा था उस छोटे फुहारे के पास, जहां एक लड़का चुपचाप शराब पीने वालों को देख रहा था। उसके गले में फटे कुरते के ऊपर से एक मोटी-सी सूत की रस्सी पड़ी थी और जेब में कुछ ताश के पत्ते थे। उसके मुँह …
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