पेशवा नारायणराव की पुत्री सुनंदा ने अपनी बुआ रानी लक्ष्मीबाई की तरह अंग्रेजों की सत्ता को चुनौती देकर निर्भीकता का परिचय दिया। सुनंदा को अंग्रेजों ने त्रिचनापल्ली की जेल में बंद कर दिया । वहाँ से मुक होते ही वे एकांत में भक्ति-साधना करने नैमिषारण्य जा पहुँचीं। वहाँ वे परम विरक्त संत गौरीशंकरजी के संपर्क में आईं। संतजी सत्संग के …
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शहरयार और शहरजाद की शादी ~ अलिफ लैला !!
एक बड़ा व्यापारी था जिसके गाँव में बहुत-से घर और कारखाने थे जिनमें तरह-तरह के पशु रहते थे। एक दिन वह अपने परिवार सहित कारखानों को देखने के लिए गाँव गया। उसने अपनी पशुशाला भी देखी जहाँ एक गधा और एक बैल बँधे हुए थे। उसने देखा कि वे दोनों आपस में वार्तालाप कर रहे हैं। वह व्यापारी पशु-पक्षियों की …
Read More »व्यापारी और दैत्य की कहानी ~ अलिफ लैला!!
प्राचीन काल में एक अत्यंत धनी व्यापारी बहुत-सी वस्तुओं का कारोबार किया करता था। यद्यपि प्रत्येक स्थान पर उसकी कोठियाँ, गुमाश्ते और नौकर-चाकर रहते थे तथापि वह स्वयं भी व्यापार के लिए देश-विदेश की यात्रा किया करता था। एक बार उसे किसी विशेष कार्य के लिए अन्य स्थान पर जाना पड़ा। वह अकेला घोड़े पर बैठ कर चल दिया। गंतव्य …
Read More »गरीक बादशाह और हकीम दूबाँ की कहानी ~ अलिफ लैला!!
हकीम दूबाँ बादशाह से विदा होकर अपने निवास स्थान पर आया। उसी दिन उसने कोढ़ की दवाओं से निर्मित एक गेंद और उसी प्रकार एक लंबा बल्ला बनवाया और दूसरे दिन बादशाह को यह चीजें देकर कहा कि आप घुड़सवारी की गेंदबाजी (पोलो) खेलें और इस गेंद-बल्ले का प्रयोग करें। बादशाह उसके कहने के अनुसार खेल के मैदान में गया। …
Read More »तीसरे बूढ़े और उसके खच्चर की कहानी ~ अलिफ लैला!!
तीसरे बूढ़े ने कहना शुरू किया : ‘हे दैत्य सम्राट, यह खच्चर मेरी पत्नी है। मैं व्यापारी था। एक बार मैं व्यापार के लिए परदेश गया। जब मैं एक वर्ष बाद घर लौटकर आया तो मैंने देखा कि मेरी पत्नी एक हब्शी गुलाम के पास बैठी हास-विलास और प्रेमालाप कर रही है। यह देखकर मुझे अत्यंत आश्चर्य और क्रोध हुआ …
Read More »दूसरे बूढ़े और उसके दो काले कुत्तोँ की कहानी ~ अलिफ लैला!!
दूसरे बूढ़े ने कहा, ‘हे दैत्यराज, ये दोनों काले कुत्ते मेरे सगे भाई हैं। हमारे पिता ने मरते समय हम तीनों भाइयों को तीन हजार अशर्फियाँ दी थीं। हम लोग उन मुद्राओं से व्यापार चलाने लगे। मेरे बड़े भाई को विदेशों में जाकर व्यापार करने की इच्छा हुई सो उसने अपना सारा माल बेच डाला और जो वस्तुएँ विदेशों में …
Read More »बूढ़े और उसकी हिरनी की कहानी ~ अलिफ लैला!!
वृद्ध बोला, ‘हे दैत्यराज, अब ध्यान देकर मेरा वृत्तांत सुनें। यह हिरनी मेरे चचा की बेटी और मेरी पत्नी है। जब यह बारह वर्ष की थी तो इसके साथ मेरा विवाह हुआ। यह अत्यंत पतिव्रता थी और मेरे प्रत्येक आदेश का पालन करती थी। किंतु जब विवाह को तीस वर्ष हो गए और इससे कोई संतान नहीं हुई तो मैंने …
Read More »मछुवारे की कहानी ~ अलिफ लैला!!
शहरजाद ने कहा कि हे स्वामी, एक वृद्ध और धार्मिक प्रवृत्ति का मुसलमान मछुवारा मेहनत करके अपने स्त्री-बच्चों का पेट पालता था। वह नियमित रूप से प्रतिदिन सवेरे ही उठकर नदी के किनारे जाता और चार बार नदी में जाल फेंकता था। एक दिन सवेरे उठकर उसने नदी में जाल डाला। उसे निकालने लगा तो जाल बहुत भारी लगा। उसने …
Read More »भद्र पुरुष और उसके तोते की कहानी ~ अलिफ लैला!!
पूर्वकाल में किसी गाँव में एक बड़ा भला मानस रहता था। उसकी पत्नी अतीव सुंदरी थी और भला मानस उससे बहुत प्रेम करता था। अगर कभी घड़ी भर के लिए भी वह उसकी आँखों से ओझल होती थी तो वह बेचैन हो जाता था। एक बार वह आदमी किसी आवश्यक कार्य से एक अन्य नगर को गया। वहाँ के बाजार …
Read More »किस्सा वजीर का ~ अलिफ लैला!!
प्राचीन समय में एक राजा था उसके राजकुमार को मृगया का बड़ा शौक था। राजा उसे बहुत चाहता था, राजकुमार की किसी इच्छा को अस्वीकार नहीं करता था। एक दिन राजकुमार ने शिकार पर जाना चाहा। राजा ने अपने एक अमात्य को बुलाकर कहा कि राजकुमार के साथ चले जाओ; तुम्हें सब रास्ते मालूम हैं, राजकुमार को नहीं मालूम, इसलिए …
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