जाबालि मुनि भगवान् श्रीराम से प्रश्न करते हैं, ‘राष्ट्र किस तत्त्व पर आधारित है?’ प्रभु श्रीराम कहते हैं, ‘तस्मात् सत्यात्मकं राज्यं सत्ये लोक: प्रतिष्ठितः। अर्थात् राष्ट्र सत्य पर आश्रित रहता है। सत्य में ही संसार प्रतिष्ठित है। हे मुनि, जिस राष्ट्र की नींव सत्य और संयम पर आश्रित है, उसका शासक व प्रजा हमेशा सुखी रहते हैं। असत्य-कपट का सहारा …
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प्रेम और भक्ति !!
भगवान् श्रीकृष्ण को देखते ही सब उन पर मोहित हो जाते थे। एक दिन बलराम सहज ही में पूछ बैठे, ‘आपके पास ऐसी कौन सी विद्या है, जो सबका मन मोह लेती है। सखा व गोपियाँ ही नहीं, पशु-पक्षी भी आपके पास आने को लालायित रहते हैं। मनसुखा हँसकर बीच में बोला, भैया! कन्हैया कोई जादू जानते हैं । गायें …
Read More »श्रद्धा और सत्कर्म !!
सभी धर्मशास्त्रों में श्रद्धा का महत्त्व प्रतिपादित किया गया है। कहा गया है कि श्रद्धा-निष्ठा के साथ किया गया प्रत्येक सत्कर्म फलदायक होता है। इसलिए कहा गया है, ‘श्रद्धां देवा यजमाना वायुगोपा उपासते। श्रद्धां हृदस्य याकूत्या श्रद्धया विन्दते वसु।’ अर्थात् देवता, संतजन, विद्वान्, यजमान, दानशील, बलिदानी सब श्रद्धा से कर्म की उपासना करते हैं, इसलिए सुरक्षित रहते हैं। श्रद्धा को …
Read More »मोची और दयाल बौने !!
एक बार एक गाँव में एक गरीब मोची रहता था। एक रात वह भूल से एक चमड़े का टुकड़ा अपनी दुकान में छोड़ गया। अगली सुबह चमड़े के स्थान पर एक जोड़ी नए जूते देखकर वह हैरान रह गया। उन जूतों के उसे बहुत अच्छे दाम मिले। उस शाम वह फिर से चमड़े का टुकड़ा रखकर भूल गया। अगले …
Read More »बकरी और दुष्ट भेड़िया !!
एक बकरी जंगल में अपने सात बच्चों के साथ रहती थी। एक दिन बकरी बाहर जा रही थी इसलिए उसने बच्चों को दुष्ट भेड़िये से सावधान रहने को कहा। जब माँ चली गई तब वह दुष्ट भेड़िया बकरी होने का ढोंग करके उनका दरवाज़ा खटखटाने लगा। लेकिन बच्चों ने दरवाज़ा नहीं खोला और कहा-“नहीं, तुम्हारी आवाज़ हमारी माँ जैसी …
Read More »बहादुर राजकुमार !!
एक राजकुमार को शिकार का बहुत शौक था। वह बहुत बहादुर था। उसने बहुत भयंकर जानवरों का शिकार किया था। एक दिन उसने एक ड्रेगन का शिकार करने का फैसला किया। वह जंगल में गया और बहुत जल्द उसे एक बड़ा ड्रेगन मिला। उसने तीर से निशाना लगा कर उसे मार डाला। परंतु अगले ही पल एक छोटे मादा …
Read More »राजा और उसकी पहेली !!
एक बार, एक राजा था जिसको बुद्धिमान लोग बहुत पसंद थे। एक दिन उसके सिपाहियों ने एक विरोधी नेता को जेल में बंद कर दिया। अगले दिन उस नेता की सुंदर बेटी दरबार में आई। उसने राजा से उसके पिता को छोड़ देने की विनती की। राजा उसकी सुंदरता से बहुत प्रभावित हुआ। राजा बोला-“अगर तुमने मेरी पहेली को …
Read More »स्वार्थी राजा !!
बहुत समय पहले, एक राजा था जो हमेशा अपनी रानी को डॉटता रहता था। एक दिन उसने गुस्से में रानी को महल से निकल जाने को कहा। रानी बहुत दुखी हुई। राजा ने रानी से कहा-“जो तुम्हारे लिए सबसे ज्यादा कीमती हो, उस चीज़ को तुम अपने साथ ले जा सकती हो। अगली सुबह जब राजा जागा तो उसने …
Read More »छोटी चिड़िया !!
एक बार, एक मोर की बहुत सुंदर लेकिन गूंगी लड़की थी। उसने उसका नाम छोटी चिड़िया रखा जो गा नहीं सकती थी। एक दिन राजकुमार बहुत बीमार हो गया। एक परी ने राजा को बताया कि एक छोटी चिड़िया जो गा नहीं सकती हो, राजकुमार को ठीक कर सकती है। यह बात जब मोरची को पता चली तो वह …
Read More »घमंडी कलम और स्याही की दवात !!
एक बार एक प्रसिद्ध कवि की एक ‘स्याही की दवात’ थी। एक दिन अपने पर घमंड करते हुए वह बोली-“विश्वास नहीं होता! मेरी स्याही की कुछ बूंदें इतना सुंदर और इतना सार्थक लिख सकती हैं।” तभी, एक ‘कलम’ चिल्लाई-“तुम कितनी मूर्ख हो। तुम्हें नहीं पता? तुम तो सिर्फ स्याही देती हो। कागज़ पर लिखने वाली तो मैं हूँ, इसलिए …
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