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प्राइवेसी (privacy)

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विदेश में इतनी दूर आई थी बेटे के पास अकेला रहता था, सोंचा था कि चलो कुछ समय उसके साथ बिताएगी। बेचारे को अच्छा खाना भी तो नसीब नहीं होता होगा हालांकि कभी रितेश ने ऐसी कोई शिकायत नहीं की थी परन्तु वो ऐसा सोंचती थी। बड़ी आशाएँ लेकर अमेरिका की धरती पर उतरी थी। बेटा लेने आया पर समय …

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प्रभु को प्रत्येक क्षण याद रखें

गजब मेरे खाटू वाले

डॉक्टर साहब ने स्पष्ट कह दिया, “जल्दी से जल्दी प्लाज्मा डोनर का इंतजाम कर लो नही तो कुछ भी हो सकता हैं” रोहन को अब तो कुछ भी नही सूझ रहा था, मां फफक फफक कर रो रही थी और सामने बेड पर थे बाबूजी जो बेहद ही सीरियस थे सब जगह तो देख लिया था सबसे गुहार कर ली …

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सच्चा इन्सान

जब टाईटेनिक समुन्द्र में डूब रहा था तो उसके आस पास तीन ऐसे जहाज़ मौजूद थे जो टाईटेनिक के मुसाफिरों को बचा सकते थे। सबसे करीब जो जहाज़ मौजूद था उसका नाम SAMSON था और वो हादसे के वक्त टाईटेनिक से सिर्फ सात मील की दूरी पर था। SAMSON के कैप्टन ने न सिर्फ टाईटेनिक की ओर से फायर किए …

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भिखारी का कटोरा

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मानव जन्म की कीमत पहचाने🙏🙏रेलवे स्टेशन के बाहर सड़क के किनारे कटोरा लिए एक भिखारी लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए अपने कटोरे में पड़े सिक्कों को हिलाता रहता और साथ-साथ यह गाना भी गाता जाता – गरीबों की सुनो वो तुम्हारी सुनेगा –तुम एक पैसा दोगे वो दस लाख देगागरीबों की सुनो …” कटोरे से पैदा हुई ध्वनि …

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सबसे बड़ा कौन

चार बुढ़िया थीं। उनमें विवाद का विषय था कि हम में बडी कौन है ? जब वे बहस करते-करते थक गयीं तो उन्होंने तय किया कि पड़ौस में जो नयी बहू आयी है, उसके पास चल कर फैसला करवायें। 👱🏻‍♀️ वह चारों बहू के पास गयीं। बहू-बहू ! हमारा फैसला कर दो कि हम में से कौन बड़ी है ? …

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भारत पाकिस्तान युद्ध और शास्त्री जी

दो घंटे युद्ध और चलता तो भारत की सेना लाहौर पर कब्जा कर लिया होता ! लेकिन तभी पाकिस्तान को लगा की जिस रफ्तार से भारतीय सेना आगे बढ रही है, हमारा तो पुरा अस्तित्व ही खत्म हो जायेगा ! (भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 का युद्ध, भारत पाकिस्तान युद्ध का भाग — तिथि- अगस्त सितम्बर 1965 – स्थान …

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भाईचारे की भावना

भाईचारे की भावना मन को मन से व हृदय से हृदय को जोड़ती है। परिवार और समाज भाईचारे की भावना पर खड़े हैं। परिवार में समरूपता और सभ्य समाज इसी के परिणाम हैं। भाईचारे के वातावरण में प्रेम एवं सद्भाव की दिव्यता छलकने लगती है। इसके अभाव में वैमनस्य, विघटन, अलगाव और अविश्वास का वातावरण बनता है। समाज में दुर्भावनाएं …

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कुत्ते और उसके दिव्यांग मालिक की अनोखी कहानी

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लॉकडौउन में वे लोग पिछले कई दिनों से इस जगह पर खाना बाँट रहे थे।  हैरानी की बात ये थी कि एक कुत्ता हर रोज आता था और किसी न किसी के हाथ से खाने का पैकेट छीनकर ले जाता था।  आज उन्होने एक आदमी की ड्यूटी भी लगाई थी कि खाने को लेने के चक्कर में कुत्ता किसी आदमी …

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हम एक साथ थे, काश वो समय फिर लौट आए ।

पहले भटूरे को फुलाने के लिये उसमें Eno डालिये ….. फिर भटूरे से फूले पेट को पिचकाने के लिये Eno पीजिये जीवन के कुछ गूढ़ रहस्य आप कभी नहीं समझ पायेंगे 🤔  😊😊😊—- पांचवीं तक स्लेट की बत्ती को जीभ से चाटकर कैल्शियम की कमी पूरी करना हमारी स्थाई आदत थी लेकिन इसमें पापबोध भी था कि कहीं विद्यामाता नाराज …

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भगवान् श्री कृष्ण के लिये समर्पित

मित्रों, मीराबाई भक्तिकाल की एक ऐसी संत हैं, जिनका सब कुछ भगवान् श्री कृष्ण के लिये समर्पित था, यहां तक कि श्रीकृष्ण को ही वह अपना पति मान बैठी थीं, भक्ति की ऐसी चरम अवस्था कम ही देखने को मिलती है, सज्जनों! आज हम श्रीकृष्ण की दीवानी मीराबाई के जीवन की कुछ रोचक बातों को भक्ति के साथ आत्मसात करने …

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