एक बार विवेकानंद जी एक ट्रेन में सफर कर रहे थे । सन्यासी वेश था । मुख पर तेज था । हट्टे कट्टे थे । जवान थे । उनके सामने वाली सीट पर दो पढ़े लिखे युवक थे और आपस में इंग्लिश में बात कर रहे थे कि ऐसे ही जवान लोगों ने हमारे देश का सत्यानाश किया हुआ हैभगवे …
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सदा सत्य ही बोले
एक दिन एक भुड़सवार अपने गुस्सैल घोड़े को बेचने के लिए बाजार ले जा रहा था। चलते चलते उसे भूख लगी और वो खाना खाने के लिए एक बाग़ में रुक गया। उसने एक पेड़ से घोड़े को बांध दिया। घोडा पेड़ के नीचे लगी घास को खाने लगा और वो घुड़सवार भी खाना खाने लगा। तभी एक व्यक्ति अपने …
Read More »आलस जीवन के लिए अभिशाप है
एक बार की बात है एक शिष्य अपने गुरु का बहुत आदर-सम्मान किया करता था | गुरु भी अपने इस शिष्य से बहुत स्नेह करते थे लेकिन वह शिष्य अपने अध्ययन के प्रति आलसी और स्वभाव से दीर्घसूत्री था | सदा स्वाध्याय से दूर भागने की कोशिश करता तथा आज के काम को कल के लिए छोड़ दिया करता था …
Read More »अमेरिका में क्या हुआ जब घर में खाना बनाना बंद हो गया
अमेरिका में क्या हुआ जब घर में खाना बनाना बंद हो गया ?1980 के दशक के प्रसिद्ध अमेरिकी अर्थशास्त्रियों ने अमेरिकी लोगों को चेतावनी कि यदि वे परिवार में आर्डर देकर बाहर से भोजन मंगवाऐंगे तो देश मे परिवार व्यवस्था धीरे धीरे समाप्त हो जाएगी। साथ ही दूसरी चेतावनी दी कि यदि उन्होंने बच्चों का पालन पोषण घर के सदस्यो …
Read More »बेवफाई हमेशा सच नही होती
दीपक और सरिता की शादी होना लगभग तय ही था कि सरिता ने अचानक किसी और से शादी कर ली. 20 साल बाद जब दीपक की बहन रागिनी को इस के पीछे की सचाई का पता चला तो उस के पैरों तले जमीन खिसक गई. क्या पता चला था उसे?‘‘मेरी तबीयत ठीक नहीं है रितु, मैं घर जा रही हूं. …
Read More »अटूट रिश्ता
कल पतिदेव के साथ घूमने निकली तो रास्ते में सब्जी मंडी आ गई तो ये कहने लगे सब्जी ले ही लेते है।मैने कहा ठीक है आप लीजिए क्योंकि सब्जी वही लेते है मैं तो बस बनाने का काम करती हूं।वो सब्जी ले रहे थे तब एक गाड़ी मेरे पास रुकी उसमें से एक जोड़ा हमारी उम्र का ही था और …
Read More »लोहा खा गया घुन
एक बार की बात है दो व्यक्ति थे, जिनका नाम था मामा और फूफा। मामा और फूफा दोनों व्यापार करते थे और दोनों व्यापार में सहभागी थे। मामा ने फूफा से कहा,” फूफा क्यों ना हम कोई ऐसी वस्तु खरीद लें जो जल्दी खराब ना हो और उसकी कीमत भी बढती रहे; फिर हम उसे कुछ वर्षो बाद बेचें जिससे …
Read More »“आपसी तालमेल…..
सुधा जी अपने कमरे में बड़बड़ाती हुए घुसी….सब अपने मन की करते रहते है….मेरी तो कोई सुनता ही नहीं है….पत्नी का चेहरा गुस्से से तमतमाए देखते हुए मोहनबाबू ने पूछा….क्या हो गया सुधा….किस पर बड़बड़ा रही हो…हूं….. पूछ तो ऐसे रहे हो जैसे कुछ जानते ही नहीं…..वही तुम्हारी लाडली बहू…..आज उसका मन हो गया कि एयर कंडीशन खरीदना है तो …
Read More »पिता का प्रेम..
ट्रेन में समय गुजारने के लिए बगल में बैठे बुजुर्ग से बात करना शुरु किया मेरी पत्नी नीति नें ” आप कहाँ तक जाएंगे दादा जी “” इलाहाबाद तक । ” बुजुर्ग ने जवाब दिया.उसने (पत्नी) ने मजाक में कहा ” कुंभ लगने में तो अभी बहुत टाइम है बाबा। “” वहीं तट पर बेठकर इंतजार करेंगे कुंभ का ,बेटी …
Read More »चिंताएं बाहर ही टाँग आएँ
सरला नाम की एक महिला थी । रोज वह और उसके पति सुबह ही काम पर निकल जाते थे ।दिन भर पति ऑफिस में अपना टारगेट पूरा करने की ‘डेडलाइन’ से जूझते हुए साथियों की होड़ का सामना करता था। बॉस से कभी प्रशंसा तो मिली नहीं और तीखी-कटीली आलोचना चुपचाप सहता रहता था ।पत्नी सरला भी एक प्रावेट कम्पनी …
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