चलो नन्द बाबा के द्वारे याहा बाल गोपाल पधारे
हुई पावन भूमि ये सारी,
बोले सारे नर और नारी
भादों की अष्टमी आई
नन्द लाल लीला रचाई
यशोमती न फूली समाई
और लले को गोद उठाई
बजी आज है शेहनाई
रंगोली आंगन सजाई
देती आकी सारी वधाई
चली खुशियों की पुरवाई…………..
भंडारे या लंगर का प्रसाद खाना या नहीं? धार्मिक स्थलों पर आयोजित भंडारे ने निर्धनों को सहारा देते हैं, लेकिन सक्षम व्यक्ति के लिए सेवा या....