चन्दन का है पलना रेशम की है डोर,
वृंदावन में झुला झूले नटवर नन्द किशोर,
देख यशोदा मैया मन ही मन फुले
आज कन्हिया मेरा पलना में झूले
आज ख़ुशी छाई है गोकुल में चारो और
वृंदावन में झुला झूले नटवर नन्द किशोर,
थप के सुलाए मैया जपक के आंचल,
माथे पर टीका सोहे आँखों में काजल
सखिया देवे वधाईया यशोदा के कर जोर
वृंदावन में झुला झूले नटवर नन्द किशोर………,
श्याम अगर तू मेरा मीत है
रिश्ता अब तो निभाना पड़ेगा
सच्ची तेरी मेरी प्रीत है
संकट मेरा मिटाना पड़ेगा
दर्द इतना के सह ना सकूँ
शब्दों में भी मैं केहन ना सकूं
बात तेरे मेरे बीच हो आँखों से ही बताना पड़ेगा
श्याम गर तू मेरा मीत है ………..
आगे दुनिया के आंसू ना लाऊँ
मन की तुझको ही अपनी सुनाऊँ
कैसे बनते हारे का सहारा
ये हमें भी दिखाना पड़ेगा
श्याम गर तू मेरा मीत है ………..
मुझको आस नहीं अब किसी से
रीतू को है भरोसा तुम्ही से
मोह मोया से छुड़ा लो प्रभु
किया वादा निभाना पड़ेगा
श्याम गर तू मेरा मीत है ……….