Breaking News

दिल को छू लेने वाली कहानी

छोटी मनु ने गुल्लक से सब सिक्के निकाल लिए और उनको बटोर कर जेब में रख लिया, घर से निकल पड़। पास में ही केमिस्ट की दुकान थी। उसके जीने वह धीरे धीरे चढ़ गयी | वो काउंटर के सामने जाकर खड़ी हो गयी। और बोलने लगी। पर छोटी सी मनु पर किसी का भी ध्यान नहीं गया। और न ही उसकी आवाज़ किसी को भी सुनाई दे रही थी। सब अपने अपने कामों में व्यस्त थे। दुकान मालिक का कोई दोस्त बाहर देश से आया था वो भी उससे बात करने में व्यस्त था | तभी उसने अपनी जेब से एक सिक्का निकाल कर काउंटर पर फेका दिया। सिक्के की आवाज़ से सबका ध्यान उसकी ओर गया, उसकी तरकीब काम आ गयी | दुकानदार उसकी तरफ आया और उससे प्यार से पूछने लगा। बीटा तुम्हे क्या चाहिए ? उसने अपनी जेब से सब सिक्के निकाल कर अपनी छोटी सी हथेली पर रख लिए और बोली कि मुझे “चमत्कार” चाहिए। दुकानदार पहले तो समझ नहीं पाया तो उसने फिर से पूछा, वो बच्ची फिर से बोली कि मुझे “चमत्कार” चाहिए |

दुकानदार हैरान होकर बोला – बेटा यहाँ दवाई मिलती है ,चमत्कार नहीं मिलता | वो बच्ची बोली अगर यहाँ दवाई मिलती है तो चमत्कार भी आपके यहाँ ही मिलने चाहिए | दुकानदार बोला – बेटा लेकिन आप से यह किसने कहा कि यहाँ चमत्कार मिलत है ?

अब उस बची ने विस्तार से बताना शुरु किया – अपनी तोतली जबान से वह बच्ची बोली – मेरे भैया के सर में टुमर (ट्यूमर) हो गया है, पापा ने मम्मी को बताया है की डॉक्टर 4 लाख रुपये बता रहे थे – अगर समय पर इलाज़ न हुआ तो कोई चमत्कार ही इसे बचा सकता है और कोई संभावना नहीं है, वो रोते हुए माँ से कह रहे थे अपने पास कुछ बेचने को भी नहीं है, न कोई जमीन जायदाद है न ही गहने – सब इलाज़ में पहले ही खर्च हो गए है, दवा के पैसे बड़ी मुश्किल से जुटा पा रहा हूँ |

वो मालिक का दोस्त उसके पास आकर बैठ गया और प्यार से पूछने लगा ,अच्छा ! कितने पैसे लाई हो तुम चमत्कार खरीदने को, उसने अपनी मुट्टी से सब रुपये निकाल कर उसके हाथो में रख दिए, जब उसने वो रुपये गिने तो “21 रुपये ५०” पैसे थे | वो व्यक्ति हसने लगा और मनु से बोला समझो तुमने चमत्कार खरीद लिया, चलो मुझे अपने भाई के पास ले चलो | वो व्यक्ति जो उस केमिस्ट का दोस्त था अपनी छुट्टी बिताने भारत आया था और न्यूयार्क का एक प्रसिद्द न्यूरो सर्जन था |

उसने उस बच्चे का इलाज “21 रुपये ५०” पैसे में किया और वो बच्चा सही भी हो गया | आखिर प्रभु ने मनु को चमत्कार बेच ही दिया – वो बच्ची बड़ी श्रद्धा से उसको खरीदने चली थी वो उसको मिल गया | प्रभु सबके पालनहार है – उनकी मदद ऐसे ही चमत्कार के रूप में मिलती रहती है, बस आवश्यकता है तो सिर्फ सच्ची श्रद्धा की |क्योकि परमात्मा संसार के कण कण में हैं……

 

HINDI  TO  ENGLISH 

Little Manu took out all the coins from the piggy bank and after collecting them and keeping them in his pocket, came out of the house. There was a chemist shop nearby. She slowly climbed up to him. She stood in front of the counter. And started speaking. But no one noticed the small manu. Nor was his voice heard by anyone. Everyone was busy with their work. A friend of the shop owner came from outside the country, he was also busy talking to him. Then he threw a coin from his pocket and threw it on the counter. Everyone’s attention was drawn to him by the sound of the coin, his trick came in handy. The shopkeeper came towards him and began to ask him fondly. Beta what do you want? He took out all the coins from his pocket and placed it on his small palm and said that I want a “miracle”. At first the shopkeeper could not understand, so he asked again, that girl again said that I want a “miracle”.

The shopkeeper said with surprise – son gets medicine here, miracle is not available. That girl said, if medicine is available here, miracles should also be found here. The shopkeeper said – Son, but who told you that miracles happen here?

Now that child started to tell in detail – that girl with her own parrot tongue said – My brother has a tumor in his head, Papa has told the mother that the doctor was giving 4 lakh rupees – if timely treatment If no miracle can happen, only a miracle can save it and there is no possibility, they were crying to the mother, they do not have anything to sell, neither land is property nor jewelry – all the treatment has already been spent Is, I am able to raise the money of medicine with great difficulty.

The owner’s friend came to him and sat down and asked him lovingly, OK! How much money have you brought to buy miracles, he took out all the money from his mutty and kept it in his hands, when he counted that money, “21 rupees 50” was the money. The man started laughing and said to Manu, “Think you have bought a miracle, let’s take me to my brother.” The man who was a friend of that chemist came to India to spend his vacation and was a well-known neuro surgeon from New York.

He treated that child for “21 rupees 50” money and that child also got it right. After all, Lord had sold a miracle to Manu – the girl had gone to buy him with great reverence and he got her. The Lord is the Sovereign of all – His help is received in the form of such miracles, only need is true faith, because God is in every particle of the world.

Check Also

pati-patni

सहानुभूति और समर्पण

यह कहानी एक साधारण बुखार के दौरान पत्नी के प्यार और सहारे की गहराई को दिखाती है। एक अद्भुत बंधन जो बीमारी के समय में भी अदभुत उत्साह और....