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किसी को भी कमतर न आंके

एक बार चौड़े रास्ते ने पगडंडी से कहा, ‘मुझे लगता है कि तुम मेरे आसपास ही चलती हो।’ पगड़ंगी ने विनम्रता से कहा, ‘नहीं मालूम, तुम्हारे रहते लोग मुझ पर ही चलना क्यों पसंद करते हैं। जब कि मैं तुमसे काफी छोटी हूं।’

उसी समय संयोगवश एक वाहन आकर रुका। सामने एक छोटा सा पुल था। जिस पर बोर्ड लगा हुआ था कि, ‘पुलिया क्षतिग्रस्त है, बड़े वाहन यहां से न ले जाएं।’ उस बस में बहुत से लोग बैठे हुए थे। उसके चालक ने उनसे उतरने के लिए कहा। लोग पगडंडी के सहारे दूसरी ओर चल दिए। इस तरह बस उस पुलिया से गुजरी और यात्रियों को लेकर रवाना हो गई।

रास्ता और पगडंडी ये दोनों घटना क्रम देख रहे थे। तब रास्ते ने कहा, ‘आज में समझ गया कि समय आने पर छोटी से छोटी वस्तु भी कितनी उपयोगी हो जाती है।’

संक्षेप में

सुई का काम सुई और तलवार का काम तलवार ही कर सकती है। यानी आप सुई से युद्ध नहीं लड़ सकते और न ही तलवार से कपड़े सिल सकते हैं। कहने का आशय यह है कि किसी भी वस्तु को कमतर नहीं आंकना चाहिए।

Hindi to English

Once the widest path said to the trail, ‘I think you move around me.’ Pagrangi politely said, ‘Do not know why people like you prefer me to walk on me. When I am a little younger than you. ‘

At the same time accidentally stopped by a vehicle. There was a small bridge in front. The board on which the board was situated was, ‘The bridge is damaged, do not take big vehicles from here.’ A lot of people were sitting in that bus. His driver asked him to land. People walked towards the other side of the footpath. In this way just went through that bridge and took off with the passengers.

Both of these routes and trails were watching the event sequence. Then the path said, ‘Today in today’s time, how small is the smallest thing even when time comes.’

in short

The work of the needle can do the needle and the sword only by sword. That is, you can not fight a war with a needle, nor can you wear clothes with a sword. The meaning of saying is that no object should be dealt with at all.

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