डूबी हुई कश्ती का किनारा है संवारा,
दुनिया में हारो का तो सहारा है संवारा
डूबी हुई कश्ती का किनारा है संवारा,
दिल से जो इसका नाम लेके याद करता है,
मेरे श्याम के चरणों में यो फरयाद करता है,
भगतो के प्रेम में सदा हारा है संवारा
डूबी हुई कश्ती का किनारा है संवारा,
पत्थर भी श्याम दर पे कोहीनूर बनते है,
उनको फिकर नही ये जिसके साथ चलते है,
दीनो का प्रेमी सब का सहारा है संवारा
डूबी हुई कश्ती का किनारा है संवारा,
भगतो की बिगड़ी बात बनाता है मेरा श्याम,
अपने गले से सब को लगाता है मेरा श्याम
दिल का सकून सनी का प्यारा है संवारा
डूबी हुई कश्ती का किनारा है संवारा…………..