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हर किसी पर होती है वासना की परत

हर किसी पर होती है वासना की परत
हर किसी पर होती है वासना की परत

एक बार एक धनी व्यक्ति किसी फकीर के पास गया। उसने कहा, मैं प्रार्थना करना चाहता हूं। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद प्रार्थना नहीं कर पाता हूं। मुझमें अंदर ही अंदर वासना बनी रहती है। चाहे कितनी आंखें बंद कर लूं। लेकिन परमात्मा के दर्शन नहीं होते हैं।

तब फकीर उस व्यक्ति को एक खिड़की के पास ले गया। जिसमें साफ कांच लगा हुआ था। इसके पार पेड़, पक्षी, बादल और सूर्य सभी दिखाई दे रहे थे। इसके बाद फकीर उस धनिक को दूसरी खिड़की के पास ले गया जहां कांच पर चांदी की चमकीली परत लगी हुई थी। जिससे बाहर का कुछ साफ दिखाई नहीं दे रहा था। बस धनिक का चेहरा ही दिखाई दे रहा था।

फकीर ने समझाया, जिस चमकीली परत के कारण तुमको सिर्फ अपनी शक्ल दिखाई दे रही है। वह तुम्हारे मन के चारों तरफ भी है। इसीलिए तुम ध्यान में जिधर भी देखते हो केवल खुद को ही देखते हो। जब तक तुम्हारे ऊपर वासना की परत है। तब तक परमात्मा और ब्रम्हा तुम्हारे लिए बेमानी है।

तुम इस वासना रूपी चांदी की परत से हटो। शीशे जैसे पारदर्शी और स्वच्छ मन से उसका ध्यान रखो और देखना ईश्वर तुम्हारे जरूर साथ रहेंगे।

Hindi to English

Once a wealthy man went to some fakir. She said, I want to pray. But despite all the efforts, I can not pray. Lust remains inside me. No matter how many eyes are closed. But there is no vision of God.

Then the fakir took that person to a window. Which had a clean glass. Trees, birds, clouds and sun were visible all over. After this, the fakir took that Dhanak near the second window, where the glass was glazed on the silver sheet. There was nothing clear from outside. Just the face of Dhanic was visible.

Fakir explained, due to the shiny layer you are seeing only your appearance. He is also around your mind too. That is why wherever you look in meditation, you see only yourself. As long as you have a lust of lust. By then, the divine and the Brahmas are worthless for you.

Move away from this lustrous silver layer. Take care of him with a transparent and clean mind like a mirror and see God be with you.

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