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गणेश मंत्र

ॐ गं गणपतये नमः

ॐ गं गणपतये नमः

ओम गं गणपतये नमः का जाप करने से क्या होता है?
इस मंत्र के जाप से मन को शांति मिलती है और आपको यादाश्त ठीक रखने में मदद मिलती है। आपकी काम के प्रति एकाग्रता बनी रहती है और मन के साथ शरीर भी स्वस्थ बना रहता है। यह मंत्र आपको समृद्ध जीवन प्रदान करता है।

ओम गण गणपतये नमः का जाप कितनी बार करना चाहिए?
नित्य 108 बार ॐ गं गणपतये नमः मंत्र जाप का लाभ .

ओम गम गणपतये नमः को संस्कृत में कैसे लिखते हैं?
ओम गं गणपतये नमः (संस्कृत: ॐ गं गणपतये नमः ) एक शक्तिशाली प्रार्थना और मंत्र है जिसमें चार भाग शामिल हैं जो सभी हिंदू भगवान, भगवान गणेश की स्तुति में हैं।

गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए क्या करना चाहिए?
4 आसान से उपाय जानिए…
सिंदूर : श्री गणेश को सिंदूर अत्यंत प्रिय है। …
दूर्वा : गुरुवार के दिन 11 दूर्वा पत्तियां श्री गणेश के पेट पर चिपकाएं। …
मोदक : श्री गणेश को गुरुवार के दिन 4 मोदक या लड्डू का भोग लगाएं। …
लाल फूल : श्री गणेश को अपनी ताकत बनाना है तो लाल गुड़हल का फूल उनके सिर पर चढ़ाएं और सूखने पर उसे पर्स में रख लें।

गणेश जी का प्रिय मंत्र कौन सा है?
वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरुमे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।। गणेश जी का ये मंत्र सबसे अधिक लोकप्रिय है।

कौन सा गणेश मंत्र शक्तिशाली है?
ॐ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥ इस मंत्र के जाप से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।। गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

गणेश जी की पूजा करते समय कौन सा मंत्र बोले?
ॐ गं गणपतये नमः
भगवान गणेश का ये मंत्र इतना चमत्कारी है कि इसके जाप से से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं और परेशानियां दूर होती हैं।

क्या हम किसी मंत्र का 108 बार से ज्यादा जाप कर सकते हैं?
सबसे समय के पाबंद मंत्रों का जन्म 3,000 साल से भी पहले भारत में हुआ था और उनकी रचना वैदिक संस्कृत में की गई थी। मंत्रों का जाप मानस, शरीर और आत्मा को बदलने की क्षमता रखता है। लेकिन मंत्रों का जाप करते समय हमेशा 108 बार जाप करने की सलाह दी जाती है ।

क्या हम बिना स्नान के मंत्र जाप कर सकते हैं?
बिना स्नान किये कभी भी मंत्र का जाप न करें | मंत्र जाप एक आध्यात्मिक गतिविधि है और कुछ आध्यात्मिक गतिविधि शुरू करने से लोगों को सावधान रहना चाहिए। शुद्धिकरण के बाद लोगों को मंत्रों का जाप करना चाहिए। मंत्र जाप से पहले स्नान करना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपके मन और शरीर को शुद्ध करता है..!!

गणेश जी के 11 मंत्र कौन कौन से हैं?
श्री गणेश के 11 अत्यंत सरल पौराणिक मंत्र

  • श्री गणेशाय नम: – ॐ श्री गणेशाय नम:
  • गं गणपतये नम: – ॐ गं गणपतये नम:
  • ॐ गं ॐ गणाधिपतये नम: ॐ सिद्धि विनायकाय नम:
    ॐ गजाननाय नम. ॐ एकदंताय नमो नम:
    ॐ लंबोदराय नम: 10 . ॐ वक्रतुंडाय नमो नम:

भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए क्या करें?
भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए उन्हें दूर्वा घास जरूर अर्पित करें। जो भक्त भगवान गणेश को दूर्वा घास अर्पित करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। आप रोजाना भी भगवान गणेश को दूर्वा अर्पित कर सकते हैं। अगर आपके कार्यों में बार- बार विघ्न आ जाता है तो भगवान गणेश को दूर्वा जरूर अर्पित करें।

गणेश जी को क्या क्या नहीं चढ़ाना चाहिए?
भगवान गणेश जी को सफेद रंग की चीजें चढ़ाना वर्जित माना जाता है क्योंकि सफेद चीजें चंद्रमा से संबंधित है। चंद्रदेव ने एक बार भगवान गणेश के रूप का उपहास किया था, जिसके बाद गणेश जी से चंद्रमा को शाप दे दिया था। इसलिए गणपति जी को सफेद रंग के फूल, वस्त्र, सफेद जनेऊ, सफेद चंदन आदि नहीं चढ़ाया जाता है।

गणेश जी का आवाहन कैसे करें?
इस दिन इन मंत्रों से गणेश जी का प्रसन्न कर सकते हैं और शिक्षा, व्यापार या जीवन की अन्य परेशानियों को दूर किया जा सकता है. गणेश जी का आवाहन मंत्र- गजाननं भूतगणादिसेवितम कपित्थजम्बू फल चारू भक्षणं। उमासुतम शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम।। आगच्छ भगवन्देव स्थाने चात्र स्थिरो भव।

गणेश मंत्र के लिए कौन सी माला का उपयोग किया जाता है?
लाल चंदन की लकड़ी (रोज़ वुड) की माला का उपयोग भगवान गणेश और देवी-देवताओं की पूजा में किया जाता है।

सुबह उठते ही कौन सा मंत्र जपना चाहिए?
“कराग्रे वसति लक्ष्मीः, कर मध्ये सरस्वती। करमूले तू ब्रह्मा, प्रभाते कर दर्शनम्।।

घर में गणेश जी की पूजा कैसे करें?
– सबसे पहले स्नान कर लें और नए/साफ कपड़े धारण करें।
– इसके बाद पूजा की चौकी पर जल छिड़क कर उसे साफ कर लें और लाल कपड़ा बिछाएं।
– अब अक्षत डालकर गणेश जी की मूर्ति स्थापित कर दें।
– भगवान श्री गणेश का गंगा जल से अभिषेक करें।
– अभिषेक करने के बाद एक एक कर दूर्वा, अक्षत, फूल, माला, तिलक इत्यादि अर्पित करें।
– गणेश जी की मूर्ति के पास धूप-दिया जलाककर रख दें।
– फिर गणेश जी का पसंदीदा मोदक या लडूड का भोग लगाएं।
– पूजा करने के लिए आप गणेश जी के मंत्रों का उच्चारण भी कर सकते हैं। इसके लिए जरूर हो ते पूजा की किताब या इंटरनेट का सहारा ले सकते हैं।
– अब अंत में उनकी आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।

गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है ?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान शिव और मां पार्वती के छोटे बेटे गणेश का जन्म हुआ था। भगवान शिव से गणेश जी को वरदान मिला कि उनकी अराधना के बाद ही किसी अन्य भगवान की पूजा होगी। इसलिए गणेश जी का पूजन सबसे पहले किया जाता है।

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