इतनी शक्ति हमें देगा दाता
मन का विश्वास, कमजोर हो ना
हम चलें नेक रस्ते पे, हमसे
भूलकर भी कोई भूल हो ना।
दूर अज्ञान के हों अँधेरे,
तू हमें ज्ञान की रौशनी दे।
हर बुराई से बचते रहें हम,
चोट जितनी बड़ी जिन्दगी दे॥
बैर हो न किसी का किसी से,
भावना मन में बदले की हो ना,
हम चले नेक रस्ते पे, हमसे
भूलकर भी कोई भूल हो ना॥
हम न सोचें हमें क्या मिला है,
हम ये सोचें किया क्या है अर्पण
फूल खुशियों के बाँटे सभी में,
सबका जीवन भी बन जाये मथुबन।
अपनी करुणा का जल तू बहा दे,
करदे पावन हर एक मन का कोना,
हम चले नेक रस्ते पे, हमसे
भूलकर भी कोई भूल हो ना॥