हनुमान जी का जीवन हमें शिक्षा देता है कि सेवा ही वो मार्ग है जिससे जगत तो क्या जगदीश को भी जीता जा सकता है। प्रभाव से नहीं स्वभाव से ही किसी.
Read More »prayer
हमारे त्यौहारो की वैज्ञानिकता को समझें
एक बूढ़ी माता मंदिर के सामने भीख माँगती थी। एक संत ने पूछा -- आपका बेटा लायक है, फिर यहाँ क्यों ??बूढ़ी माता बोली - बाबा, मेरे पति का......
Read More »अक्षौहिणी सेना
हम सभी जानते हैं कि विश्व के विशालतम ग्रंथ महाकाव्य महाभारत में 18 पर्व हैं - आदि पर्व , सभा पर्व , वन पर्व , विराट पर्व , उद्योग पर्व.......
Read More »मकड़ी की कहानी
शहर के एक बड़े संग्रहालय के बेसमेंट में कई पेंटिंग्स रखी हुई थी। ये वे पेंटिंग्स थीं, जिन्हें प्रदर्शनी कक्ष में स्थान नहीं मिला था।लंबे समय से बेसमेंट में पड़ी पेंटिंग्स पर मकड़ियों ने जाला बना रखा था
Read More »एम॰ एस॰ सुब्बुलक्ष्मी की जीवन कहानी
श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी इनका बचपन का नाम मदुरै शनमुखावदिवु सुब्बुलक्ष्मी का जन्म 16 सितंबर 1916 को तमिलनाडु के मदुरै शहर, मद्रास प्रेसीडेंसी , ब्रिटिश भारत में हुआ। आप ने छोटी आयु से संगीत का शिक्षण आरंभ किया और दस साल की उम्र में ही अपना पहला डिस्क रिकॉर्ड किया
Read More »श्री खाटू श्याम देवाय नमो नमः
मोर मुकुट बाले की जय 🌷तीन बाण धारी की जय हो 🌹शीश के दानी की जय हो 🌹 हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा 🌷पाँडव कुल की देवी हिंगलाज माता जी को कोटि कोटिवार नमन 🔴परम आदर्णीय श्री खाटू श्याम जी बाबा ,
Read More »ओम जयंती मंगला काली, भद्रकाली कपालिनी।
ओम जयंती मंगला काली, भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिव धात्री, स्वाहा स्वधा नमोस्तु ते॥ ओम जयंती मंगला काली, भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिव धात्री, स्वाहा स्वधा नमोस्तु ते॥
Read More »ऊँ जय भारत माता जय जय धरती माता…
ऊँ जय भारत माता जय जय धरती माता ,तेरी कोख स्वर्ग सम, तेरी गोद स्वर्ग सम सुख की है दाता ॥ऊँ जय भारत माता जय जय धरती माता , उत्तर दिशा हिमालय शुभ्र मुकुट धारी ॥गंगा जल अमृत सम मानव हितकारी ,ऊँ जय भारत माता जय जय धरती माता ॥ दक्षिण जलधि अपर्मित वक्षस्थल तेरा ,चारौ धाम अनौखे गुण गाते …
Read More »हे जग त्राता विश्व विधाता…
हे जग त्राता विश्व विधाता ,हे सुख शांति निकेतन हे ॥ प्रेम के सिन्धु, दीन के बन्धु ,दु:ख दारिद्र विनाशन हे ॥हे जग त्राता विश्व विधाता ,हे सुख शांति निकेतन हे ॥ नित्य अखंड अनंन्त अनादि ,पूरण ब्रह्म सनातन हे ॥हे जग त्राता विश्व विधाता ,हे सुख शांति निकेतन हे ॥ जग आश्रय जग-पति जग-वन्दन ,अनुपम अलख निरंजन हे ॥हे …
Read More »हम को मन की शक्ति देना, मन विजय करें
हम को मन की शक्ति देना, मन विजय करें दूसरोंकी जय से पहले, खुदकी जय करेंहम को मन की शक्ति देना … भेद-भाव अपने दिलसे, साफ़ कर सकेंदूसरोंसे भूल हो तो, माफ़ कर सकेंझूठ से बचे रहें, सचका दम भरेंदूसरों की जय से पहले, खुद की जय करेंहम को मन की शक्ति देना … मुश्किलें पड़ें तो हमपे, इतना कर्म …
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