ऊँ जय भारत माता जय जय धरती माता ,
तेरी कोख स्वर्ग सम, तेरी गोद स्वर्ग सम सुख की है दाता ॥
ऊँ जय भारत माता जय जय धरती माता ,
उत्तर दिशा हिमालय शुभ्र मुकुट धारी ॥
गंगा जल अमृत सम मानव हितकारी ,
ऊँ जय भारत माता जय जय धरती माता ॥
दक्षिण जलधि अपर्मित वक्षस्थल तेरा ,
चारौ धाम अनौखे गुण गाते तेरा ॥
ऊँ जय भारत माता जय जय धरती माता ,
पूरब की पुरवैया सौना बरसाती ॥
पश्चिम की लालामी हम सबको भाती ,
ऊँ जय भारत माता जय जय धरती माता ॥
वेद पुराण ग्रंथ सब अनुपम कृति तेरी ,
गीता जीवन दर्शन विश्व ज्योति फेरी ॥
ऊँ जय भारत माता जय जय धरती माता ,
तन, मन, तुझे समर्पित, धन तो है माया ॥
माँ का ऋण दुनिया में कौन चुका पाया ,
ऊँ जय भारत माता जय जय धरती माता ॥