एक बहुत अमीर व्यक्ति था। उसने अपना सारा जीवन पैसे कमाने में लगा दिया। उसके पास इतना पैसा था की वह जो चाहे खरीद सकता था। लेकिन उसने अपने पुरे जीवन में किसी की भी मदद नहीं की। इतना अपर धन होने के बाद भी उसने अपने लिए भी कभी धन का उपयोग नहीं किया। न कभी अपने पसंद के कपडे पहने, न अच्छा भोजन किया और न ही अपने इच्छाओं की अपने सपनो को पूरा किया। वह सारी जिंदगी बस पैसे कमाने में ही बिजी रहता था। और पैसे कमाने में वह इतना ज्यादा व्यस्त हो गया की उसे पता ही नहीं चला कब उसका बुढ़ापा आ गया। और वह जिंदगी के आखरी मोड़ पर आ गया।
इस तरह आखिर वह दिन भी आ गया जो उसके जिंदगी का आखरी दिन था। और एक दिन उसे लेने के लिए मृत्यु खुद आ गई। मृत्यु ने उस व्यक्ति से कहा की, “तेरा अंतिम समय आ गया है। और मैं तुझे अपने साथ ले जाने आई हूँ।” मृत्यु की यह बात सुनकर वह आदमी बोला, “अरे मैंने तो अपनी जिंदगी को ठीक से जिया भी नहीं है। मैं तो पैसा कमाने में, काम करने में इतना ज्यादा व्यस्त हो गया था की मुझे अपने पैसो का उपयोग करने का समय ही नहीं मिला। लेकिन अब उन पैसो को खर्च करने का मुझे थोड़ा समय चाहिए।” लेकिन मृत्यु ने उससे कहा, “मैं तुम्हे अब और समय नहीं दे सकती। तुम्हारी जिंदगी का सारा समय समाप्त हो चूका है। और अब उन दिनों को बढ़ाया नहीं जा सकता।”
मृत्यु की इस बात को सुनकर उस आदमी ने कहा, “मेरे पास बहुत पैसा है अगर तुम चाहो तो मैं अपना आधा धन तुमको दे सकता हूँ। लेकिन मुझे एक साल और दे दो जीने के लिए।” लेकिन मृत्यु ने कहा, “ऐसा सम्भब ही नही है।” इस पर उस आदमी ने बोला, “अगर तुम चाहो तो मैं अपना 90 प्रतिशत धन तुम्हे दे सकता हूँ। लेकिन मुझे सिर्फ एक महीने का समय दे दो जिससे मैं अपने इच्छाओं को पूरा कर सकूँ। अपने सपनो को जी सकूँ। जिन कामो को मैंने कल पर टाल रखा था वह सारे काम कर सकूँ।” लेकिन मृत्यु ने फिर मना कर दिया और कहा, “नहीं, मैं तुम्हे एक महीने का समय नहीं दे सकती।” फिर उस आदमी ने कहा, “तुम मेरा सारा धन ले लो लेकिन मुझे एक दिन का समय दे दो।” तब मृत्यु ने उसे समझाया, “एक दिन का क्या मैं तुम्हे अब एक घंटे का भी समय नहीं दे सकती।” फिर मृत्यु ने उसे समझाते हुए कहा, ” तुम अपने समय से धन को तो प्राप्त कर सकते हो लेकिन धन से समय को कभी प्राप्त नहीं कर सकते।”
जब उस व्यक्ति को यह समझमे आया की मैं अपनी सारी जिंदगी की दौलत देकर भी अपने लिए एक दिन भी नहीं खरीद सकता तो इस जिंदगी का मौल धन से कितना ज्यादा बढ़कर है।
दोस्तों यह कहानी हमारी जिंदगी से ही जुड़ी है। हम लोग भी सारी जिंदगी ऐसे दौड़ते रहते है की एक दिन जिंदगी में जिएंगे, भबिष्य में कभी आराम करेंगे, रिलैक्स करेंगे लेकिन वह दिन कभी आता ही नहीं है। क्यूंकि हम सारी जिंदगी बस दौड़ने का, भागने का अभ्यास करते है और जो अभ्यास जिंदगी भर किया है वही अभ्यास हमारी आदत बन जाती है। बहुत सारे लोग जो रिटायर हो जाते है काम से लेकिन उसके बाद भी उनका यह अनुभव रहता है की हम भले काम से रिटायर हो गए है लेकिन जिंदगी में आराम नहीं है। क्यूंकि हमारे मन ने जिंदगी भर दौड़ने का अभयास किया है तो आज भी हमारा मन दौड़ता ही रहता है।
तो दोस्तों इस कहानी से हमे यह शिक्षा लेनी चाहिए की हमारे जिंदगी में जो कुछ भी जरुरी है न उसे कल पर मत टालो, उसे आज ही कर डालो क्यूंकि कल कभी नहीं आता। हम हमेशा आज में जीते है। कल तो सिर्फ हमारे योजनाओं में, हमारे बातों में होता है, शब्दों में होता है। बास्तविक्ता में कल तो कभी होता ही नहीं है। भले आप अपनी जिंदगी में कुछ भी करो आप पैसा कमाओ कामयाबी को हासिल करो पर इन सब चीजों के पीछे इतना ज्यादा भी मत पड़ जाना की आप अपनी जिंदगी ही जीना भूल जाओ।
English Translation
Was a very rich person. He devoted his entire life to earning money. He had so much money that he could buy whatever he wanted. But he did not help anyone in his entire life. Despite having so much money, he never used the money for himself. Never dressed in the clothes of your choice, nor did you eat good food, nor did you fulfill your dreams of your desires. He was busy all his life just to earn money. And he became so busy in earning money that he did not know when his old age came. And he came to the last turn of life.
Thus came the day which was the last day of his life. And one day death came to pick him up. Death told the man, “Your last time has come.” And I have come to take you with me. ” Hearing this death, the man said, “Oh, I have not even lived my life properly. I was so busy working to earn money, working that I could not find the time to use my money. But now I need some time to spend those money. ” But death told him, “I can’t give you any more time.” All the time of your life is over. And now those days cannot be extended. ”
Hearing this death, the man said, “I have a lot of money, if you want, I can give half of my money to you.” But give me one more year to live. ” But death said, “That’s not the way.” The man said, “If you want, I can give 90 percent of my money to you.” But give me only one month’s time so that I can fulfill my desires. I can live my dreams I can do all the work that I had put off yesterday. ” But death again refused and said, “No, I cannot give you a month’s time.” Then the man said, “You take all my money but give me one day’s time.” Then death explained to him, “Can I not give you even one hour of a day now?” Then death explained to him, “You can get money from your time, but you can never get time from money.”
When that person understood that I could not buy a single day for myself even by giving all my life’s wealth, then how much more this life is worth than wealth
Friends, this story is related to our life itself. We too keep running all our lives in such a way that one day we will live in life, we will relax in future, we will relax, but that day never comes. Because we practice running, running and all our lives, and the practice that we have done throughout our life becomes our habit. Many people who retire from work but even then they have the experience that we have retired from work but there is no rest in life. Because our mind has practiced running throughout life, even today our mind keeps on running.
So friends, we should learn from this story that whatever is necessary in our life, do not avoid it tomorrow, do it today because tomorrow never comes. We live forever today. Tomorrow is only in our plans, in our words, in words. Tomorrow never happens in Bastavikta. Even if you do anything in your life, you earn money, achieve success, but do not get too much behind all these things that you forget to live your life.