एक राजा था मिदास। उसके पास साने की कमी नहीं थी, लेकिन सोना जितना बढ़ता, वह और अधिक सोना चाहता। उसने सोने को खज़ाने में जमाकर लिया था, और हर रोज़ उसे गिना करता था।
एक दिन जब वह सोना गिन रहा था, तो एक अजनबी कहीं से आया और बोला, ‘तुम मुझसे ऐसा कोई भी वरदान मांग सकते हो, जो तुम्हें दुनिया में सबसे ज्यादा खुशी दे।’ राजा खुश हुआ, और उसने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि जिस चीज को छुऊँ, वह सोना बन जाए।’ अजनबी ने राजा से पूछा, ‘क्या तुम सचमुच यही चाहते हो?’ राजा ने कहा, ”हाँ”, तो अजनबी बोला, ‘कल सूरज की पहली किरण के साथ ही तुम्हें किसी चीज़ को छूकर सोना बना देने की ताक़त मिल जाएगी।’
राजा ने सोचा कि वह सपना देख रहा होगा, यह सच नहीं हो सकता। लेकिन अगले दिन जब राजा नींद से उठा, तो उसने अपना पलंग छुआ, वह सोना बन गया। वह वरदान सच था। राजा ने जिस चीज़ को भी छुआ वह सोना बन गई। राजा ने जिस उसने खिड़की के बाहर देखा, और अपनी नन्हीं बच्ची को खेलते पाया। उसने अपनी बिटिया को यह अजूबा दिखाना चाहा, और सोचा कि वह खुश होगी। लेकिन बगीचे में जाने से पहले उसने किताब पढ़ने की सोची। उसने जैसे ही उसे छुआ, वह सोने की बन गई। वह किताब को पढ़ न सका। फिर वह नाश्ता करने बैठा, जैसे ही उसने फलों और पानी के गिलास को छुआ, वे भी सोने के बन गए। उसकी भूख बढ़ने लगी और वह खुद से बोला, ‘मैं सोने को खा और पी नहीं सकता।’ ठीक उसी समय उसकी बेटी दौड़ती हुई वहाँ आई, और उसने उसे बाँहों में भर लिया। वह सोने की मूर्ति बन गई। अब राजा के चेहरे से खुशी गायब हो गई।
राजा सिर पकड़कर रोने लगा। वह वरदान देने वाली अजनबी फिर आया, और उसने राजा से पूछा कि क्या वह हर चीज़ को सोना बना देने की अपनी ताक़त से खुश है? राजा ने बताया वह दुनिया का सबसे दुखी इंसान है। राजा ने उसे सारी बात बताई। अजनबी ने पूछा- ‘अब तुम क्या पसंद करोगे, अपना भोजन और प्यारी बिटिया, या सोने के ढेर और बिटिया की सोने की मूर्ति।’ राजा ने गिड़गिड़ाकर माफ़ी मांगी, और कहा, ‘मैं अपना सारा सोना छोड़ दूंगा, मेहरबानी करके मेरी बेटी मुझे लौटा दो, क्यांकि उसके बिना मेरी हर चीज़ मूल्यहीन हो गई है।’ अजनबी ने राजा से कहा, – ‘तुम पहले से बुद्धिमान हो गए हो।’ और उसने अपने वरदान को वापिस ले लिया। राजा को अपनी बेटी फिर से मिल गई, और उसे एक एसी सीख मिली जिसे वह जिंदगी-भर नहीं भुला सका।
Hindi to english
One king was Midas. She had no lack of sane, but as much as the gold grows, she wants to sleep more. He deposited gold in the treasury, and used to count it every day.
One day when he was counting gold, a stranger came from somewhere and said, ‘You can ask me any such blessing, which will give you the most happiness in the world.’ The king was pleased, and he said, ‘I want to touch everything that happens, it becomes gold’. The stranger asked the king, ‘do you really want this?’ The king said, “yes”, then the stranger said, ‘Tomorrow, with the first ray of sun, you will get the power to touch somebody and make gold.’
The king thought that he would be dreaming, that can not be true. But the next day when the king rose from sleep, he touched his bed, he became gold. That boon was true. Whatever the king touched, it became gold. The king who looked outside the window and could play his own baby girl. He wanted to show his bitia this strange, and thought that he would be happy. But before going to the garden, he thought of reading the book. As soon as he touched it, it became of gold. He could not read the book. Then he sat for breakfast, as soon as he touched the glass of fruit and water, he also became of gold. His hunger began to grow and he said to himself, ‘I can not eat and drink gold.’ At the same time, her daughter came running there, and she filled her in the arms. He became a golden idol Now the joy of the king disappeared from the face.
The king started crying and groaning. The stranger who returned the blessing came again, and asked the king if he was happy with his strength to make everything gold? King said he is the world’s most miserable person. The king told him all the points. Ajnabee asked- ‘What would you like now, your food and sweet bitta, or a golden statue and gold idol of Bitia?’ The king apologized, and said, ‘I will leave all my gold, please give my daughter back to me, because without me all my things have become worthless.’ A stranger said to the king, ‘You have already become wise.’ And he withdrew his boon. The king got his daughter again, and he got an acronym which could not be forgotten by her life.