इसमे बहेती है अमर्टधारा अमर्टधारा, अमर्टधारा…
कितने जन्मों से प्यासा तू
कभी संभला और कभी गिरा तू
गुरु वाणी ने तुजको पुकारा
इसमे बहेती है…
छोड़ अहम को जा तू शरण में
दल दुखों की गटरी चरण में
इन चरनो ने सबको है तारा
इनमें बहेती है…
ज़हर तेरा वो पीले क्षण में
प्रलय हो जाए कर्मों के पल में
तू भी बानिया गुरु का दुलारा
यहाँ बहेती है…
[To English wish4me]
Isme beheti hai Amritdhara Amritdhara, Amritdhara…
Kitne Janmon se pyasa tu
Kabhi sambhla aur kabhi gira tu
Guru vani ne tujko pukara
Isme beheti hai…
Chod Aham ko ja tu Sharan mein
Dal dukhon ki Gatari charan mein
In charano ne sabko hai tara
Inmein beheti hai…
Zehar tera woh pile kshan mein
Pralay ho jaye Karmon ke pal mein
Tu bhi banja Guru ka Dulara
Yahan beheti hai…