Breaking News

गुरुवार को करें गुड़ के ये उपाय, हमेशा भरी रहेगी झोली

आज के दौर में हर व्यक्ति अपने और अपने परिवार के लिए एक सुखी जीवन चाहता है। इसके लिए वह हर तरह की कोशिशें करता है। लेकिन हर तरह की कोशिशों के बावजूद, कई बार परिस्थितियों और धन की कमी के कारण, सुखी जीवन जीना मुश्किल हो जाता है। माना जाता है कि गुरुवार के दिन बृहस्पति देव की पूजा एवं व्रत करने से व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यदि कोई व्यक्ति बृहस्पति देव से जुड़े उपाय करता है, तो उसकी मनचाही इच्छा पूरी होती है। आइए जानें क्या हैं वो उपाय?
यदि आप भी आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं और उनसे छुटकारा पाना चाहते हैं, तो आप गुरुवार के दिन सुबह नहाने के बाद केले के पेड़ की जड़ में मुठ्ठी भर चने की भीगी दाल और गुड़ डालें। यह प्रक्रिया क़रीब 5 से 7 गुरुवार लगातार करें, ऐसा करने से आपकी समस्याएं दूर हो सकती हैं।
यदि आपकी कोई मनोकामना काफ़ी समय से पूरी नहीं हो रही है, तो गुरुवार की शाम को 1 रूपये का सिक्का, गुड़ और 7 साबुत हल्दी की गांठ, एक पीले कपड़े में बांधकर किसी रेलवे लाइन के नीचे फेंक दें। ऐसा माना जाता है कि इससे आपकी इच्छा और अधूरी मनोकामना जल्द पूरी हो सकती है।
गुरुवार के दिन बृहस्पति देव को गुड़ चढ़ाने से केवल गुरु बृहस्पति ही मज़बूत नहीं होते, बल्कि इससे सूर्य और मंगल ग्रह भी सकारात्मक प्रभाव देते हैं। मान्यता है कि गुरुवार के दिन इस कार्य को करने से आपके कामों में अड़चनें नहीं आती हैं और काम आसानी से बन सकते हैं।
यदि कोई व्यक्ति अच्छी नौकरी पाना चाहता है तो किसी इंटरव्यू में जाने से पहले उस व्यक्ति को घर से निकलते समय रास्ते में किसी गाय को आटा या गुड़ खिलाना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से नौकरी पाने में सफलता मिल सकती है।
यदि आप भी घर बनाने का सपना देख रहे हैं या फिर संपत्ति पाना चाहते हैं, तो आप प्रत्येक गुरुवार किसी ज़रूरतमंद व्यक्ति को गुड़ का दान करें।
यदि किसी व्यक्ति की शादी में अड़चन आ रही है या फिर शादी में देरी हो रही है, तो ऐसे व्यक्ति को गुरुवार के दिन, गाय को आटे की एक लोई में गुड़ भर कर खिलाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से बृहस्पति देव की कृपा मिल सकती है और साथ ही शादी में आ रही अड़चनें भी दूर हो सकती हैं।

Check Also

malik-naukar

जीवन को खुशी से भरने की कहानी

रामशरण ने कहा-" सर! जब मैं गांव से यहां नौकरी करने शहर आया तो पिताजी ने कहा कि बेटा भगवान जिस हाल में रखे उसमें खुश रहना। तुम्हें तुम्हारे कर्म अनुरूप ही मिलता रहेगा। उस पर भरोसा रखना। इसलिए सर जो मिलता है मैं उसी में खुश रहता हूं