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हां चल के खाटू हां चल के खाटू


तेरी रहमत का है ये असर संवारे
मुझे अब न है कोई फिकर संवारे
मैं जो आया तेरे दर और गया मैं सवर मैं तो हर पल मौज में काटू
हां चल के खाटू हां चल के खाटू

जाते है जो खाटू धाम बन जाते काम रे
हारे का सहारा है वो बाबा मेरा श्याम रे
तूने करी जो नजर मिला खुशियों का घर मैं तो खीर चूरमा बांटू
हां चल के खाटू हां चल के खाटू

आता रहा हु आता ही रहूगा
दिल की ये बाते श्याम किस से कहुगा
मेरे सिर पे हाथ धर और जाऊँगा निखर तेरी चोकठ चुमू चाटू
हां चल के खाटू हां चल के खाटू

देव दयालु म्हारी ऊँगली पकड़ लियो
प्रेम के रिश्ते में कस के जकड़ लियो
ये अमित का हुनर रजनीश का स्वर मैं तो श्याम श्याम की राटू,
हां चल के खाटू हां चल के खाटू………

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