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प्रतिभा की पहचान!!

यूनान के थ्रेस शहर में एक गरीब लड़का था। जो लकड़ियां बेच कर अपना पेट पालता था। वह प्रतिदिन जंगल से लकड़ियां काट कर लाता। उनका गठ्ठर बनाता, फिर उन्हें बाजार लेकर जाता। वहां गठ्ठर बेचकर जो भी मिलता उससे वह अपना पेट पालता।

लड़के की खूबी यह थी कि वह जो भी काम करता बहुत लगन और एकाग्रता से करता था। उसकी लकड़ियां बाजार में सबसे सूखी, साफ और सीधी होती थीं। यही नहीं उसका गट्ठर भी बहुत ही सुंदर और कलात्मक तरीके से बंधा होता था।

एक दिन वह बाजार में अपना गट्ठर लिए ग्राहक का इंतजार कर रहा था। तभी उसके सामने से एक व्यक्ति गुजरा। उस व्यक्ति की निगाह लकड़ी के गट्ठर पर पड़ी। इतनी सुंदर तरह से बंधे लकड़ी के गट्ठर को देखकर वह व्यक्ति रूक गया। आस पास देखा तो उसने पाया कि वह गट्ठर एक छोटे लड़के का है।

उसने लड़के से पूछा, “यह गट्ठर तुम्हारा है”? लड़के ने उत्तर दिया, “हाँ, श्रीमान”। व्यक्ति ने पुनः पूछा, ” क्या इसे तुमने ही बांधा है?” लड़के ने पुनः उत्तर दिया, ” हाँ, श्रीमान। उस व्यक्ति ने फिर से पूछा, ” क्या तुम इसे खोलकर फिर से बांध सकते हो?” लड़के ने कहा, ” बिल्कुल, श्रीमान।”

उसके बाद लड़के ने उस गट्ठर को खोलकर पुनः उसी कलात्मकता के साथ उसे बांध दिया। व्यक्ति ने गौर किया कि लड़का अपने काम को बड़ी लगन, एकाग्रता और फुर्ती के साथ कर रहा है। कुछ सोचकर उस व्यक्ति ने लड़के से कहा, “यदि तुम मेरे साथ चलो तो मैं तुम्हारा सारा खर्च उठाऊंगा। तुम्हें पढ़ाऊंगा और तुम्हारी सारी जिम्मेदारियों का निर्वहन करूंगा।”

लड़के का तो सपना ही पढ़ाई लिखाई का था। यह काम तो वह पेट पालने के लिए मजबूरी में करता था। आज मौका मिला था अपने सपनों को सच करने का तो वह कैसे मना कर देता ? लड़के ने स्वीकृति दे दी। वह व्यक्ति उस लड़के को लेकर चला गया।

पढ़ लिखकर वह लड़का दुनिया में पाइथागोरस के नाम से प्रसिद्ध हुआ। जिसके गणित के क्षेत्र में किये गए योगदान की दुनिया सदैव ऋणी रहेगी। गणित में उसके दिए गए सिद्धांत को दुनिया पाइथागोरस प्रमेय के नाम से जानती है।

वह व्यक्ति जिसने लकड़ियों का गट्ठर बेचने वाले एक साधरण लड़के की प्रतिभा को पहचान लिया। वह यूनान का प्रसिद्ध तर्कशास्त्री डेमोक्रीट्स था।

कहानी की सीख | Moral of Story

हिंदी कहानी – प्रतिभा की पहचान हमें सिखाती है कि प्रतिभा किसी में भी हो सकती है। आवश्यकता है उसे पहचानने वाले की। साथ ही यह कहानी हमें यह भी सिखाती है कि काम चाहे छोटा हो या बड़ा। उसे पूरी लगन और एकाग्रता से करना चाहिए।

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