है भगवान तेरी माया का भेद समझ नही आया
धरति ओर आकाश बीच मे खम्बा ना दर साया|
पल मे रचदे पुश की टपलि पल मे महल चिनाया
पल मे रचदे किला गढ़ सुन्दर सिर पर छतर फिराया
*है भगवान तेरी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
चात्रक नार पुत्र बिन तरसे एक पुत्र नही जाया
फूड़ नार सुत नित्का जन्मे जन जन खोदि काया
*है भगवान तेरी,,,,,,,,,,,,,,,,,, , ,
पल मे रचदे सुन्दर जवानी चले निरखतो छाया
पल के माइ झर झर रोवे देख भुड़ापा आया
*है भगवान तेरी,,,,,,,,,,,,,,,
पल माही जल से जंगल भर दे तेरी अनोखी माया
पिथा राम कवे सुण अणतु हरि से हेत लगाया
*है भगवान तेरी माया का ,,,,,,,,