पनघट पे मुझको छेड़े फोड़े वो मटकी मेरे,
क्या बताऊ मैं उसकी करतूत तुझको
हो मैया कन्हियाँ छेड़े है मुझको
कर के परेशान मुझको वो लेता आनंद है
उसकी ये अदात न मुझको पसंद है,
अरे जाने दे न घर से बाहर तू उसको
हो मैया कन्हियाँ छेड़े है मुझको
मुझको बुलाये काली खुद है वो काला
छलियाँ है मैया तेरा नन्द लाला तेरे अलावा मैं दुःख बताऊ मैं किसको
हो मैया कन्हियाँ छेड़े है मुझको………,
तेरी किरपा ही मेरा सब कुछ ओ मेरे सतगुरु प्यारे,
मुझे नहीं चाहिए कुछ अब और ओ मेरे सतगुरु प्यारे,
गेरो की बात करे क्या हमें अपनों ने ठुकरया,
बन गया नाथ तू मेरा तूने पल पल साथ निभाया,
तेरा साथ ही मेरा सब कुछ ओ मेरे सतगुरु प्यारे,
तेरी किरपा ही मेरा सब कुछ ओ मेरे सतगुरु प्यारे,
मैया बन कर के तूने मुझे गोद में दुलराया,
बन गया पिता तू मेरा तूने चलना मुझे सिखाया,
तेरा प्यार ही मेरा सब कुछ ओ मेरे सतगुरु पयरे,
तेरी किरपा ही मेरा सब कुछ ओ मेरे सतगुरु प्यारे,
मैं किसी से कुछ क्या मांगू बिन मांगे ही सब पाउ,
जब दवार मिला बाबा तेरा मैं किसी के दर क्यों जाऊ,
तेरा दवार ही मेरा सब कुछ ओ मेरे सतगुरु प्यारे,
तेरी किरपा ही मेरा सब कुछ ओ मेरे सतगुरु प्यारे,
इतनी किरपा की तूने ये मुख से कहा ना जाए,
जब जब मैं याद करू तो मेरा हिरदय भर भर आये,
ये दास कहे अब क्या कुछ ओ मेरे सतगुरु प्यारे,
तेरी किरपा ही मेरा सब कुछ ओ मेरे सतगुरु प्यारे,