गोवर्धन पे तू ठुमका लगा ले चाची
होंगे कान्हा के दर्शन कहू रे साँची
गोवर्धन पे भतीजे मैं खूब नाची
ना मिले मोहे कान्हा ब्रिज वासी|
चची अर्जी लगा ले मन से श्याम आयेगे वृन्दावन से,
राधे नाम से हो जाए श्याम राजी
होंगे कान्हा के दर्शन कहू रे साँची|
जैसे धुन में मगन मीरा रानी
वैसे मैं भी हु श्याम की दीवानी,
अपने गिरधर के चरणों की मैं भी दासी
न मिले मोहे कान्हा ब्रिज वासी|
राधे राधे की रटन लगा ले दोड़े आयेंगे मुरली वाले
दर्शन देवे गे कान्हा जरुर चाची
होंगे कान्हा के दर्शन कहू रे साँची||