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श्री राम ने कितने राक्षसों का वध किया था

श्री राम, जिन्हें हिन्दू धर्म में मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में पूजा जाता है, रामायण में उनके विभिन्न लीलाओं और युद्धों का वर्णन है जिसमें उन्होंने कई राक्षसों का वध किया था। रामायण में वर्णित प्रमुख राक्षसों का वध इस प्रकार है:

  1. रावण: लंका के राजा और रामायण के मुख्य अंतगर्ति, रावण का वध श्री राम ने लंका युद्ध के दौरान किया था। महादेव शिव के सबसे बड़े भक्त, जिन्होंने सभी नौ ग्रहों को जीत लिया था, लेकिन एक महिला के लिए उनकी वासना, अमर होने का लालच और अहंकार कि कोई भी उन्हें हरा नहीं सकता, उन्हें डुबो दिया, महादेव शिव ने उन्हें कई बार चेतावनी दी, फिर भी अपनी शक्तियों के नशे में उन्होंने मना कर दिया। महादेव की सलाह मानने के लिए और श्री रामचंद्र जी के पवित्र हाथों से मारे गए।
  2. कुंभकर्ण: रावण का भाई, जिसे अपनी गहरी नींद और विशालकाय शरीर के लिए जाना जाता था, उसका वध भी श्री राम ने किया था।
  3. मेघनाद (इंद्रजित): रावण का पुत्र, जो अपनी अद्भुत युद्ध कौशल और मायावी शक्तियों के लिए प्रसिद्ध था, लक्ष्मण ने इंद्रजित का वध किया था, लेकिन यह युद्ध श्री राम के नेतृत्व में हुआ था।
  4. ताड़का: राम और लक्ष्मण ने विश्वामित्र की सहायता के लिए ताड़का वध किया था, जब वे अपने वनवास के दौरान उससे मिले थे।
  5. सुबाहु और मारीच: ताड़का के साथ, राम ने सुबाहु का वध किया और मारीच को दूर फेंक दिया था।
  6. वाली: हालांकि वाली एक वानर था, उसके अत्याचारी शासन और भाई सुग्रीव के साथ उसके अन्याय के कारण, राम ने सुग्रीव की मदद करने के लिए वाली का वध किया।
  7. खर और दूषण: दंडकारण्य में, राम ने राक्षस भाइयों खर और दूषण का वध किया था।

ये कुछ प्रमुख उदाहरण हैं। रामायण में अन्य कई छोटे-बड़े राक्षसों के वध का भी वर्णन है, जिनका वध श्री राम और उनकी सेना ने किया था। ये कथाएं श्री राम की वीरता, धर्म के प्रति उनकी निष्ठा, और अधर्म पर धर्म की विजय को दर्शाती हैं।


सालो पहले की फोटो बाबा केदार की
सरल शब्दों मे बताये तो पांच भाई पांडव को अपने भाईयो को यानी कोरबो का युद्ध मे मारने के कारण भर्ता दोष लगा था , जिसका निवारण बाबा भोले नाथ कर सकते थे , पर बाबा उन्हें दर्शन नही देना चाहते थे , बाबा भोले नाथ को ढूंढते जब पांडव देवभूमि मे आये तो भोले नाथ गुप्तकाशी मे दिखे ओर फिर गायब हो गये , भोले नाथ ने बेल का रूप धारण किया और केदारनाथ आकर बेलो के झुंड मे घुस गये , ताकि पांडव उन्हें ना पहचान सके , भीम ने विशाल रूप धरा ओर सारे बेलो को अपने पैरों के बीच से निकल जाने को कहा

सारे बेल निकल गये पर भोले नाथ कैसे निकलते , भोले नाथ रूपी बेल धरती मे समाने लगे , तब भीम ने बेल की पूछ पकड़ ली , धरती मे समाये बेल रूपी शिव देवभूमि मे 5 जगह निकले जिनको 5केदार कहते है , ओर 6 भाग नेपाल मे पशुपति नाथ जी मे निकला , बाबा भोले नाथ ने पड़ाव को दर्शन दिए और उन्हें भर्ता दोष से मुक्त किया , 5केदार , केदारनाथ , तुंगनाथ ,मधममहेस्वर ,रुद्रनाथ, कल्पेस्वर है , मंदिर हज़ारों साल पुराना है , अब जरा इन तस्बीरों को देखे , रास्तों को देखे , ओर सोचे , इतनी मुश्किल जगह मे ये मंदिर कैसे बना होगा , किसने बनाया होगा , ये पत्थर , ये डिज़ाइन कैसे हुआ होगा , 4000 साल तक बर्फ के नीचे मंदिर दबा रहा ,
2013 की आपदा से कुछ नही बिगड़ा , इस लिए बोलते है, आदि भी तू अंत भी तू बाबा भोले नाथ केदार ही है केदार ही है
आपको भी जल्द बुलावा आयेगा

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