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भक्त यदि सच्चा हो तो उसके बुलाने पर आते हैं कृष्ण

एक बार एक गरीब किसान था। उसने अपनी बेटी की शादी के लिए सेठ से पांच सौ रुपए उधार लिए। गरीब किसान ने अपनी बेटी की शादी के बाद धीरे-धीरे सब पैसा ब्याज समेत चुकता कर दिया।

लेकिन उस सेठ के मन में पाप आ गया। उसने सोचा ये किसान अनपढ़ है। इसे लूटा जाए। गरीब किसान ने कहा की मैंने आपका सारा रुपया-पैसे चुकता कर दिया है। अब सेठ गुस्सा हो गया और कोर्ट के द्वारा उस पर मुकदमा कर दिया।

जब कोर्ट में हाजिर हुआ बांके बिहारी का परम भक्त। जज बोले की आप कह रहे हो की आपने एक एक रुपए पैसा चुकता कर दिया। आपके पास कोई गवाह है? लेकिन गांव के किसी भी व्यक्ति ने सेठ के डर से किसी ने भी गवाही नही दी। उसने कहा की मेरे गवाह तो बिहारी लाल हैं।

जज ने पूछा की, कहां रहता है बिहारी लाल? किसान ने कहा, वो वृन्दावन में रहता है। कोर्ट से सम्मन लेकर कोर्ट का व्यक्ति  पहुंचा। और साइकिल पर सबसे पूछता घूम रहा है की यहां कोई बिहारी लाल रहता है।

लेकिन कोई नही जानता। फिर वह व्यक्ति बांके बिहारी मंदिर के पीछे पहुंचा। वहां पर एक हाथी की सूंड बनी हुई है जहां से बांके बिहारी के चरणों का चरणा मृत टपकता है। और लोग उसे अपने सर पर धारण करते हैं। वहीं पर एक 75 वर्ष के वृद्ध आए।

जिनके हाथ में लाठी थी। और उस कोर्ट के कर्मचारी ने उससे पूछा की यहां कोई बिहारी लाल नाम का व्यक्ति रहता है? उस बूढ़े आदमी ने कहा मेरा नाम ही बिहारी लाल है। कर्मचारी ने कहा की आपके नाम सम्मन है। उसने सम्मन ले लिया और अपने हस्ताक्षर कर दिए।

उस दिन कोर्ट में यही चर्चा थी की ऐसा कौन सा व्यक्ति बिहारी लाल है? जो इसकी ओर से गवाही देगा। गांव के लोग भी इस चीज को देखने के लिए कचहरी में उपस्थित थे।

सारा गांव एकत्र हुआ है। वो किसान भी आया। उसके लिए तो बिहारी लाल और कोई नही बांके बिहारी जी ही थे।

जब मुकदमा नंबर पर आया तो कोर्ट में नाम बुलाया गया। बिहारी लाल हाजिर हो। बिहारी लाल हाजिर हो। दो बार आवाज लगी तो कोई नही आया।

फिर आवाज लगी बिहारी लाल हाजिर हो। तो वही वृद्ध व्यक्ति कोर्ट में लाठी टेकता हुआ हाजिर हो गया। और उसने जज के सामने कहा की हुजूर, इस किसान ने महाजन का पाई पाई चुकता कर दिया है।

जज ने कहा की इसका सबूत (प्रमाण) क्या है? उस वृद्ध व्यक्ति ने कहा इसके घर में, फलाने कमरे में, अलमारी में, इतने नंबर की बही (हिसाब किताब वाली फाइल) रखी गई है। ये महाजन झूठ बोल रहा है।

कोर्ट का कर्मचारी उसी समय महाजन के घर गया और वो बही लेकर आया।जब जज ने वो फाइल देखी तो सारा का सारा हिसाब-किताब चुकता था।

लोग इस बात को देखकर बड़े अचम्भे में पड़े हुए थे। आपस में चर्चा कर रहे थे। लेकिन वो बिहारी लाल कोर्ट से अंतर्ध्यान हो चुके थे।जज ने किसान से पूछा- आपने ये बिहारी लाल नाम बताया। ये कौन हैं ? आपके कोई रिश्तेदार हैं क्या?

किसान ने कहा- हुजूर, मैं सच कहता हूँ की मुझे नही मालूम ये कौन थे ? जज ने कहा फिर आपने गवाही में बिहारी लाल नाम किसका लिखवाया ?

किसान ने कहा की गांव से कोई भी व्यक्ति मेरी और से गवाही देने को तैयार नही हुए। तो मेरा तो एक ही आश्रय थे। वो बांके बिहारी ही मेरे बिहारी लाल थे। और किसी बिहारी लाल को मैं नही जानता हूं।

ये सुनते ही उस जज की आँखों में आंसू भर गए और जज ने कोर्ट में रिजाइन ने दिया। जिसकी कोर्ट में मुझे जाना था वो मेरी कोर्ट में आए। उसी समय वो वृन्दावन की यात्रा पर निकल पड़े। और वो जज, जज बाबा के नाम से प्रसिद्ध हुए। वहीँ वृन्दावन में बिहारी जी के मंदिर पर पड़े रहते थे। और बांके बिहारी में उनका अनन्य प्रेम हो गया।

Hindi to English

Once there was a poor farmer. He lent five hundred rupees to Seth for the marriage of his daughter. The poor farmer gradually after paying the dowry of his daughter, gradually all the money has been paid along with interest.

But that Seth has sinned in the mind. He thought this farmer is illiterate. It will be looted. The poor farmer said that I have paid all your rupee-money. Now Seth got angry and sued him by the court.

When the Supreme devotee of Baba Bihari came to court. You are telling the judge that you paid a rupee rupee. Do you have any witnesses? But no one in the village gave testimony to Seth’s fear. He said that my witness is Bihari Lal.

The judge asked, Where is Bihari Lal? The farmer said, he lives in Vrindavan. The court person reached the court after summoning the court. And the bicycle is asking about the bicycle that there is no Bihari lal here.

But nobody knows. Then the person reaches behind the Banka Bihari temple. There is a trunk of an elephant from where the stages of the stairs of Banka Bihari drip dead. And people wear it on their heads. At the same time a 75-year-old man came

Those who had sticks in their hands And the court employee asked him if there is a person named Bihari Lal? That old man said my name is Bihari Lal. The employee said that your name is summons. He took the summons and signed it.

That was the talk in the court on that day that such a person is Bihari Lal? Who will testify on behalf of it. The people of the village were also present in the court to see this thing.

The whole village is gathered. The farmer also came. For him, Bihari Lal and none were Baba Bihari Ji.

When the lawsuit came on the number then the name was called in the court. Behari red spot. Behari red spot. There were no two voices when it sounded twice.

Then the voice was called Bihari Lal. Then the same old man appeared sticking to the sticks in the court. And he said in front of the judge that the hail, this farmer has paid the Mahajan’s pie.

The judge said that what is proof? The old man said that in his house, in the room, in the cupboard, so many number books (account books) have been kept. This Mahajan is lying.

The employee of the court went to Mahajan’s house at the same time and brought that book. When the judge saw that file, Sara’s entire account was paid.

People were lying in awe of this fact. Were discussing among themselves. But they were interwoven with the Bihari Lal Court. Jaj asked the farmer – you called this Bihari Lal name. Who are these Do you have any relatives?

The farmer said – Huzur, I tell the truth that I do not know who was it? The judge said, then you wrote the Bihari Lal name in the testimony?

The farmer said that no person from the village was ready to give testimony to me. So my only shelter was. That was the Bakhari Bihari, my Bihari Lal. And I do not know any Bihari Lal.

On hearing this, the eyes of the judge were filled with tears and the judge gave the resignation to the court. The court I had to go came to my court. At the same time, he left for Vrindavan’s journey. And the judge became famous by the name of judge Baba. He used to stay at the temple of Bihari ji in Vrindavan. And his love in Banka Bihari became the exclusive love.

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