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इंदिरा गांधी के मन में थी इनके प्रति असीम करुणा

भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ मदर टेरेसा की मित्रता थी। इंदिरा गांधी ने मदर के स्वागत में कहा था, ‘उनसे मिलने पर मन में असीम करुणा और नम्रता उपजती है। कोमलता की शक्ति और प्रेम की ऊर्जा महसूस होती है।’

इंदिरा गांधी मदर टेरेसा का बहुत सम्मान करती थीं। जब भी मदर का फोन आता तो वह स्वयं आकर बात किया करती थीं। उन्होंने अपने निजी सचिव को हिदायत दी थी कि जब भी मदर टेरेसा का फोन आए, उन्हें तुरंत सूचित किया जाए।

एक बार दिल्ली के शिशु भवन में केवल चावल बचे हुए थे। दाल, सब्जियां लगभग खत्म हो चुकी थीं। इसी बीच अचानक प्रधानमंत्री के किचिन गार्डन की सब्जियों से भरी वैन मिशनरीज ऑफ चैरिटी के मुख्य द्वार में दाखिल हुई। प्रधानमंत्री की पुत्रवधु सोनिया गांधी और वर्तमान में कांग्रेस अध्यक्ष मदर के नाम पर दो पंक्तियों के नोट के साथ ढेरों सब्जियां भेज दिया करती थीं।

इंदिरा गांधी कई बार अचानक फोन पर मदर से पूछतीं थीं कि, हमारे बगीचे में ढेरों सब्जियां हैं। क्या काम आ सकती हैं? मदर का उत्तर होता था। सारी काम में आ जाएंगीं। गॉड ब्लैस यू।

एक बार मदर टेरेसा दार्जिलिंग में अपने घर में थीं अचानक उनका पैर फिसल गया और वो गिर पड़ीं। उनके पैर में चोट आई, जब ये बात इंदिरा गांधी को पता चली तो वह मदर टेरेसा को देखने वहां गईं थीं।

इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री काल में मदर टेरेसा को विदेशी मुद्रा कानून से छूट दे दी गई थी। मदर टेरेसा को अपने कार्यों के लिए विदेशों से लाखों डॉलर प्रतिवर्ष मिलते थे। इसके अतिरिक्त विभिन्न पुरस्कारों में सैकड़ों डॉलर मिलते थे।

मदर टेरेसा इस धन को कुछ विदेशों में जमा रखना चाहती थीं। विदेशों में नए होम खोलने और पुराने होम चलाने, तथा उनके विस्तार के लिए विदेशी मुद्रा की आवश्यकता होती थी। मदर चाहती थीं कि विदेश से मिले सारे धन का उपयोग केवल भारत में ही न हो, बल्कि भारत के बाहर भी कई गरीब देशों में इसका उपयोग हो सके। विदेशी मुद्रा कानून में छूट से मदर को विश्व के कई भागों में काम करने की सुविधा मिल गई थी।

In English

Mother Teresa was the friend of India’s first woman Prime Minister, Indira Gandhi. Indira Gandhi had said in her mother’s reception, “On meeting her, there is unlimited compassion and humility in mind. The power of tenderness and energy of love are felt. ‘

Indira Gandhi had great respect for Mother Teresa. Whenever the mother’s call came, she used to come and talk herself. He had instructed his private secretary that whenever Mother Teresa’s phone came, she should be informed immediately.

Once only the rice was left in the Shishu Bhawan of Delhi. Lentils, vegetables were almost finished Meanwhile, the Prime Minister of the Prime Minister entered the main entrance of the Missionaries of Charity, a van filled with vegetables of Kichin Garden. Prime Minister’s daughter-in-law Sonia Gandhi used to send many vegetables along with two lines of notes in the name of Congress President Mother.

Indira Gandhi several times suddenly asked the mother on the phone that there are many vegetables in our garden. What work can come Mother was the answer. All the work will come in handy. God Bless You

Once Mother Teresa was in her house in Darjeeling, suddenly her foot slipped and she fell down. When he got hurt in his foot, when Indira Gandhi came to know about this, she went there to see Mother Teresa.

Mother Teresa was exempted from the Foreign Exchange Act during the prime minister’s tenure of Indira Gandhi. Mother Teresa received millions of dollars from abroad for her work every year. Apart from this, hundreds of dollars were received in various awards.

Mother Teresa wanted to keep this money in some foreign countries. Foreign currency was required to open new homes abroad and run old homes, and expand them. Mother wanted that all the money received from abroad should not be used only in India, but it can be used in many poor countries outside India. With the relaxation of foreign currency law, Mother had the facility to work in many parts of the world.

 

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