जाने क्या जादू कर गयो रे ओ बांके सांवरियां
बांके सांवरिया मेरे प्यारे सांवरियां
जाने क्या जादू कर गयो रे ओ बांके सांवरियां
जब से सुनी है वैरण मुरलियां
मन में वस् गई तोरी सूरतियाँ
बंसी बजा के किधर गेयो रे ओ बांके सांवरियां
वैरण हो गई रातो की निंदिया,
भूल सकूँ न मैं संवारी सूरतियाँ
भाऊ करेजवा में तर गयो रे ओ बांके सांवरियां
तेरे दर्श को जियरा तरसे नैना मोरा सावन जो बरसे,
बरस बरस घर भर गयो रे
ओ बांके सांवरियां
कारचंद कहे मत तरसाओ
कृष्ण कन्हियाँ दर्श दिखाओ काहे भूल बिसर गयो रे
ओ बांके सांवरियां………