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जब खेलने होली लेकर टोली बरसाने में आयो

वो छेल छबीलो रंग भरी पिचकारी साथ में ल्याओ
जब खेलने होली लेकर टोली बरसाने में आयो…..

लाख करी कोशिश पर टच नही कर पाया वो
बने सयाना बड़ा ही लेकिन रंग लगा नही पाया वो
अपनी ऊँगली पर मैंने कल उसको बहुत नचायो
जब खेलने होली लेकर टोली बरसाने में आयो….

फेल हुआ इक प्लान जो उसका दूजी उसने चाल चली
चुपके से पीछे से आकर बहिया मेरी थाम ली
मेरी थाम के बहिया जुल्मी ने जी भर के रंग लगायो
जब खेलने होली लेकर टोली बरसाने में आयो…..

शोर शराबा धूम धडाका होली की हुड ढंग हुई
होली की हुड दंग में दोनों के नैनो की जंग हुई
इस जंग में मैं तो हार गई हो जादू ऐसो चलायो
जब खेलने होली लेकर टोली बरसाने में आयो…………

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