जादूगर रसिया मेरे मन वसिया होगी आधी रात अब घर जाने दो,
जादूगर रसिया मेरे मन वसिया…….
सब से पेहले तूने मेरा दिल किया चोरी
तू मेरा प्रीतम और मैं हु तेरी गोरी,
फिर चैन को मेरे छीन लिया बेचैन किया तूने मुझको
मैं तेरी प्रीत में पागल हो के कैसे बतलाऊ मैं तुमको
दिल के ये जज्बात अब घर जाने दो
जादूगर रसिया मेरे मन वसिया…….
मेरे तन पर किया तूने कैसा जादू
तेरी जादूगरी बाते करे बेकाबू,
जादू तेरी बातो का ही खीच के मुझको लाता है
काले काले नैनो से मेरे दिल पे तीर चलता है
नैनो से मत करो बार अब घर जाने दो
जादूगर रसिया मेरे मन वसिया……..
हर पल मुझे तेरी याद सताती है बंसी की तान मुझे बड़ा तडपाती है,
बिन तेरे दिल नही लगता है जाने को वही तू दीखता है
तुझसे मिलने की खातिर ये मेरा दिल तडपता है
सची कहू मैं ये बात अब घर जाने दो
जादूगर रसिया मेरे मन वसिया…………….