दोपहर के भोजन के समय सोनू ने वास्तव में बहुत कठिन पढाई की, इतना कठिन कि वह खाना खाना भी भूल गया। दोपहर के भोजन के बाद सोनू वास्तव में भूखा था, वह केवल भोजन के बारे में सोच रहा था। जैसे ही सोनू अपनी मेज पर बैठा, उसने खुद से कहा “काश मेरी पेंसिल मेरे लिए सब कुछ लिख देती और सभी उत्तर सही हो जाते”।
जब उसको टेस्ट पेपर मिला तो कुछ जादुई हुआ! उसकी पेंसिल ने उसके लिए जवाब लिखना शुरू कर दिया ! सोनू चकित था … और उसे बहुत राहत मिली। जब सोनू को उसका टेस्ट पेपर वापस मिला तो उसने देखा कि उसे 100% मिला है तो उसने हर परीक्षा के लिए अपनी जादुई पेंसिल का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।
कुछ हफ़्तों के बाद सोनू की जादुई पेंसिल लिखने के लिए बहुत छोटी हो गयी थी ! सोनू के टीचर ने उससे कहा कि इसे फेंक दो और एक नया ले आओ। सोनू इसे फेंकना नहीं चाहता था क्योंकि वह जानता था कि यह जादुई पेंसिल है लेकिन उसने वही किया जो टीचर ने कहा था।
जब सोनू घर आया तो उसने अपनी मां से एक नई पेंसिल मांगी लेकिन सोनू की मम्मी ने कहा की उसके पास पेंसिल समाप्त हो चुकी है क्योंकि साल लगभग ख़त्म हो चूका था। अगले दिन सोनू का रिपोर्ट कार्ड मेल में आया। सोनू ने अपने सभी विषयों में वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया और उसके माता-पिता को वास्तव में उस पर गर्व था।
बाद में उस शाम सोनू के पिता ने उसे एक उपहार दिया, सोनू ने उसे खोला और वह एक नया चमकदार पेन था। सोनू को उम्मीद थी कि यह भी एक जादुई पेन होगा ।