मेरा रूसे न ओ वैशनव प्रेमी
जग भावे सारा रूस जाए जिन्दे मेरिये,,,,,
रोम रोम मेरा सदा रहू करजाई,
जीना मेरी जिन्दगी च किती राहनुमाई
बेमोल एहना लई विकियाँ रहा गा सदा
गुरु जन वैशनव संगत ते गुरुभाई,
हो जिन्दे मेरीये जिन्दे मेरीये,,,,,
जिस वैशनव मेनू ब्रिज दिखलाया
बांके बिहारी दा दर्श कराया
मेरा रूसे न वैशनव प्रेमी जग भावे सारा रूस जाए जिन्दे मेरीये,,,,,,
जिस सतगुरु मेनू शरनी लगाया
नित निकुंज दा मार्ग दिखाया
मेरा रूसे न ओह सतुगुरु प्यारा जग भावे सारा रूस जाए जिन्दे मेरीये,,,,,
श्यामा श्याम सा रस बरसाया
प्रेम दीप मेरे हिरदये जगाया
मेरी रूसे न एह जुगल जोड़ी
जग भावे सारा रूस जाए जिन्दे मेरीये,,,,,
जिस संगत मेनू मंच ते बिठाया,
दीं हीन कोलो नाम जपाया
मेरी रूसे न ठाकुर रूप संगत
जग भावे सारा रूस जाए जिन्दे मेरीये,,,,,,
गुरु समान मेरे मधुपहरी प्यारे
लिख लिख दिते जिहना गीत मेनू सारे
मेरा रूसे न मुकुंद हरी प्यारा
जग भावे सारा रूस जाए जिन्दे मेरीये,,,,,,