हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से पांचवे माह भादों के कृष्ण पक्ष की तीज को कजली कजरी तीज की तरह मनाया जाता है|
दुसरे तीज त्यौहार की तरह इस तीज का भी अलग महत्त्व है| तीज एक ऐसा त्यौहार है जो शादीशुदा लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है| हमारे देश में शादी का बंधन सबसे अटूट माना जाता है| पति पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए तीज का व्रत रखा जाता है| दूसरी तीज की तरह यह भी हर सुहागन के लिए महत्वपूर्ण है| इस दिन भी पत्नी अपने पति की लम्बी उम्र के लिए व्रत रखती है, व कुआरी लड़की अच्छा वर पाने के लिए यह व्रत रखती है|
Kajari Kajli Teej Katha Mahtva Itihas History In Hindi
कजली तीज नाम क्यों पड़ा?
पुराणों के अनुसार मध्य भारत में कजली नाम का एक वन था| इस जगह का राजा दादुरै था| इस जगह में रहने वाले लोग अपने स्थान कजली के नाम पर गीत गाते थे जिससे उनकी इस जगह का नाम चारों और फैले और सब इसे जाने| कुछ समय बाद राजा की म्रत्यु हो गई और उनकी रानी नागमती सती हो गई| जिससे वहां के लोग बहुत दुखी हुए और इसके बाद से कजली गाने पति पत्नी के जन्म जन्म के साथ के लिए गए जाने लगे|
इसके अलावा एक और कथा इस तीज से जुडी है| माता पार्वती शिव से शादी करना चाहती थी लेकिन शिव ने उनके सामने शर्त रख दी व बोला की अपनी भक्ति और प्यार को सिद्ध कर के दिखाओ| तब पार्वती ने 108 साल तक कठिन तपस्या की और शिव को प्रसन्न किया| शिव ने पार्वती से खुश होकर इसी तीज को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकारा था| इसलिए इसे कजरी तीज कहते है| कहते है बड़ी तीज को सभी देवी देवता शिव पार्वती की पूजा करते है|
Kajari Kajli Teej Pooja Vidhi
कजली तीज मनाने का तरीका –
- इस दिन हर घर में झूला डाला जाता है| और औरतें इस में झूल कर अपनी ख़ुशी व्यक्त करती है|
- इस दिन औरतें अपनी सहेलियों के साथ एक जगह इकट्ठी होती है और पूरा दिन नाच गाने मस्ती में बिताती है|
- औरतें अपने पति के लिए व कुआरी लड़की अच्छे पति के लिए व्रत रखती है|
- तीज का यह व्रत कजली गानों के बिना अधूरा है| गाँव में लोग इन गानों को ढोलक मंजीरे के साथ गाते है|
- इस दिन गेहूं, जौ, चना और चावल के सत्तू में घी मिलाकर तरह तरह के पकवान बनाते है|
- व्रत शाम को चंद्रोदय के बाद तोड़ते है, और ये पकवान खाकर ही व्रत तोड़ा जाता है|
- विशेषतौर पर गाय की पूजा होती है|
- आटे की 7 रोटियां बनाकर उस पर गुड़ चना रखकर गाय को खिलाया जाता है| इसके बाद ही व्रत तोड़ते है|
Kajali Teej Kajari Vrat Katha in Hindi
कजरी कजली तीज की कथा –
यहाँ बहुत सी कथाएं प्रचलित है| अलग- अलग स्थान में इसे अलग तरह से मनाते है इसलिए वहां की कथाएं भी अलग है| मै आपको कुछ प्रचलित कथाएं बता रही हूँ|
- एक साहूकार था उसके सात बेटे थे| सतुदी तीज के दिन उसकी बड़ी बहु नीम के पेड़ की पूजा कर रही होती है तभी उसका पति मर जाता है| कुछ समय बाद उसके दुसरे बेटे की शादी होती है, उसकी बहु भी सतुदी तीज के नीम के पेड़ की पूजा कर रही होती है तभी उसका पति मर जाता है| इस तरह उस साहूकार के 6 बेटे मर जाते है| फिर सातवें बेटे की शादी होती है और सतुदी तीज के दिन उसकी पत्नी अपनी सास से कहती है कि वह आज नीम के पेड़ की जगह उसकी टहनी तोड़ कर उसकी पूजा करेगी| तब वह पूजा कर ही रही होती है कि साहूकार के सभी 6 बेटे अचानक वापस आ जाते है लेकिन वे किसी को दिखते नहीं है| तब वह अपनी सभी जेठानियों को बुला कर कहती है कि नीम के पेड़ की पूजा करो और पिंडा को काटो| तब वे सब बोलती है कि वे पूजा कैसे कर सकती है जबकि उनके पति यहाँ नहीं है| तब छोटी बहुत बताती है कि उन सब के पति जिंदा है| तब वे प्रसन्न होती है और नीम की टहनी की पूजा अपने पति के साथ मिल कर करती है| इसके बाद से सब जगह बात फ़ैल गई की इस तीज पर नीम के पेड़ की नहीं बल्कि उसकी टहनी की पूजा करनी चाहिए|
- Kajri Kajli Teej Katha
एक किसान के 4 बेटे और बहुएं थी| उनमें से तीन बहुएं बहुत संपन्न परिवार से थी| लेकिन सबसे छोटी वाली गरीब थी और उसके मायके में कोई था भी नहीं | तीज का त्यौहार आया, और परंपरा के अनुसार तीनों बड़ी बहुओं के मायके से सत्तू आया लेकिन छोटी बहु के यहाँ से कुछ ना आया| तब वह इससे उदास हो गई और अपने पति के पास गई| पति ने उससे उदासी का कारण पुछा| उसने सब बताया और पति को सत्तू लेन के लिए कहा| उसका पति पूरा दिन भटकता रहा लेकिन उसे कहीं सफलता नहीं मिली| वह शाम को थक हार के घर आ गया| उसकी पत्नी को जब यह पता चला कि उसका पति कुछ ना लाया तब वह बहुत उदास हुई| अपनी पत्नी का उदास चेहरा देख चोंथा बेटा रात भर सो ना सका|
अगले दिन तीज थी जिस वजह से सत्तू लाना अभी जरुरी हो गया था| वह अपने बिस्तर से उठा और एक किरणे की दुकान में चोरी करने के इरादे से घुस गया| वहां वह चने की दाल लेकर उसे पीसने लागा, जिससे आवाज हुई और उस दुकान का मालिक उठ गया| उन्होंने उससे पुछा यहाँ क्या कर रहे हो? तब उसने अपनी पूरी गाथा उसे सुना दी| यह सुन बनिए का मन पलट गया और वह उससे कहने लगा कि तू अब घर जा, आज से तेरी पत्नी का मायका मेरा घर होगा| वह घर आकर सो गया|
अगले दिन सुबह सुबह ही बनिए ने अपने नौकर के हाथ 4 तरह के सत्तू, श्रृंगार व पूजा का सामान भेजा| यह देख छोटी बहुत खुश हो गई| उसकी सब जेठानी उससे पूछने लगी की उसे यह सब किसने भेजा| तब उसने उन्हें बताया की उसके धर्म पिता ने यह भिजवाया है| इस तरह भगवान ने उसकी सुनी और पूजा पूरी करवाई|
Kajari kajli Teej festival Celebration In Hindi
कहाँ कैसे मनाते है कजरी तीज ?
हमारे देश में हर प्रान्त में हर त्यौहार को अलग अलग तरह से मनाया जाता है| उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान सब जगह यह त्यौहार अलग तरीके से मनाया जाता है|
- उत्तर प्रदेश व बिहार में लोग नाव पर चढ़कर कजरी गीत गाते है| वाराणसी व मिर्जापुर में इसे बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है| वे तीज के गानों को वर्षागीत के साथ गाते है|
- राजस्थान के बूंदी स्थान में इस तीज का बहुत महत्त्व है, इस दिन यहाँ बड़ी धूम होती है| भादों के तीसरे दिन को वे बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाते है| पारंपरिक नाच होता है| ऊंट, हाथी की सवारी की जाती है| इस दिन दूर दूर से लोग बूंदी की तीज देखने जाते है|
कजरी तीज के दिन घर में बहुत से पकवान बनते है जिसमें प्रमुख –
क्र. | पकवान |
1 | खीर पूरी |
2 | घेवर |
3 | गुजिया |
4 | बादाम का हलवा |
5 | काजू कतली |
6 | बेसन का लड्डू |
7 | नारियल का लड्डू |
8 | दाल बाटी चूरमा |
Kajari Kajli Teej Festival Hindi Wishes Wallpaper
- आया रे आया तीज का त्यौहार
मिलकर गायें गीतों की मल्हार
सबको मिले खुशियाँ अपार
फैलता रहे बस प्यार ही प्यार
सावन की घटा बीत गई
अब भादों की हैं बारी
आयो बहनों गीत गाओ
और करों तीज की तैयारी
सुहाना लागे मोहे तीज का दिन
गीत गाये संग झूले म्हारों बिन्द
मिलकर नाचे सारी सखियाँ
बजे चूड़ी, घुंघरू और पैजनियाँ
भादों के गीत
झूलो की सौगात
सभी को मुबारक हो
तीज का त्यौहार
सजे थाल में मीठे पकवान
गुजिया हलवा और मिष्ठान
लेकर आये खुशियाँ और प्यार
शुभ हो सबका तीज का त्यौहार
तीज के दिन औरतें अपने आप को अच्छे से सजाती है और पारंपरिक गाने में नाचती है| इस दिन वे हाथों में मेहँदी भी लगाती है|