कान्हा बुलावे राधा न आवे आजा मेरी राधा री तेरे बिन लागे न जी,
कैसे मैं आऊ मेरे दादा जी खड़े है,
कैसे मैं आऊ मेरे ताऊ जी खड़े है,
पायल मेरी भजनी रे के तेरे बिन लागे न जी,
प्याल उतार के लम्भा घुंगट मार के,
आजा मेरी राधा री तेरे बिन लागे न जी,
कैसे मैं आऊ मेरे पिता जी खड़े है,
कैसे मैं आऊ मेरी माता जी खड़े है,
पायल मेरी भजनी रे के तेरे बिन लागे न जी,
प्याल उतार के लम्भा घुंगट मार के,
आजा मेरी राधा री तेरे बिन लागे न जी,
कैसे मैं आऊ मेरे भैया जी खड़े है,
कैसे मैं आऊ मेरी मामा जी खड़े है,
पायल मेरी भजनी रे के तेरे बिन लागे न जी,
प्याल उतार के लम्भा घुंगट मार के,
आजा मेरी राधा री तेरे बिन लागे न जी,
गोवर्धन पे तू ठुमका लगा ले चाची
होंगे कान्हा के दर्शन कहू रे साँची
गोवर्धन पे भतीजे मैं खूब नाची
ना मिले मोहे कान्हा ब्रिज वासी,
चची अर्जी लगा ले मन से श्याम आयेगे वृन्दावन से,
राधे नाम से हो जाए श्याम राजी
होंगे कान्हा के दर्शन कहू रे साँची
जैसे धुन में मगन मीरा रानी
वैसे मैं भी हु श्याम की दीवानी,
अपने गिरधर के चरणों की मैं भी दासी
न मिले मोहे कान्हा ब्रिज वासी
राधे राधे की रटन लगा ले दोड़े आयेंगे मुरली वाले
दर्शन देवे गे कान्हा जरुर चाची
होंगे कान्हा के दर्शन कहू रे साँची||